कोरोना लॉकडाउन के दौर में देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों के स्पेशल ट्रेन (Special train) से बिहार आने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में बुधवार की सुबह गुजरात से प्रवासी श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन बिहार के सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पहुंची। इस स्पेशल ट्रेन में लगभग 1200 यात्री आए, जिनमें से 1075 यात्री सीतामढ़ी के जी हैं। बाकी दूसरे जिलों के हैं। जिला प्रशासन ने सभी लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 49 बसों की व्यवस्था की है। श्रमिकों ने बताया कि उनसे टिकट का पैसा लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन श्रमिकों से रेल किराये के लिए 715 रुपए लिए गए। हालांकि लोग घर पहुंचने पर खुश दिखाई दिए।
सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन परिसर में इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। स्टेशन पर पहुंचे लोगों को जिला प्रशासन ने खाना एवं पानी की बोतल दी। उनके सामानों को सेनेटाइज किया गया। जिला प्रशासन ने सभी लोगों को बसों से उनके गंतव्य के लिए भेज दिया है। इसको लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर व्यवस्था की है।
डीएम ने बताया कि आने वाले सभी प्रवासियों की सघन स्क्रीनिंग के साथ सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर बस से उन्हें संबंधित क्वारेंटीन कैंप में पहुंचाया जाएगा। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पूरे एहतियात के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करते हुए सभी प्रवासियों को उनके संबंधित क्वारेंटीन कैंप में भेजा जाए। जिला प्रशासन ने बताया है कि जिले में पंचायत स्तर पर 1224 क्वारेंटीन कैंप बनाए गए हैं। वहीं, प्रखंड स्तर पर 73 क्वारेंटीन सेंटर बनाए गए हैं। जिले में चार राहत आपदा केंद्र एवं सात सीमा राहत केंद्र बनाए गए हैं।
सीतामढ़ी में कोरोना के अब तक कुल छह मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से एक मरीज की मौत पटना में इलाज के दौरान हो गई थी। वह कैंसर से भी पीड़ित था। इसके अलावा एक 55 वर्षीय कैंसर पीड़ित महिला कोरोना से ठीक भी हो चुकी है। जिले में फिलहाल अभी चार कोरोना संक्रमण के मामले हैं। इन चारों का इलाज जारी है। सीतामढ़ी जिले में तीन प्रखंडों के 20 वार्ड को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाहर से आ रहे बिहार के छात्रों और मजदूरों को रेल का किराया नहीं देना है। राज्य सरकार रेलवे को पैसा दे रही है। मजदूरों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि बिहार के जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, वो जिस स्टेशन पर आएंगे वहां से उनके प्रखंड मुख्यालय तक ले जाया जाएग। सीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को जो किराया लगा है, बिहार सरकार वह पैसा उन्हें दे देगी। जब मजदूर या बाहर से आए लोग 21 दिन बाद क्वारंटाइन सेंटर से निकलेंगे तो खर्च के अलावा 500 रुपए दिया जाएगा।
This post was last modified on May 6, 2020 2:35 PM
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