विधानसभा और लोकसभा में करारी शिकस्त मिलने से पस्त कांग्रेस के लिए दिल्ली से एक अच्छी खबर है। दरअसल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के ज़ोन चुनाव में कांग्रेस ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर कब्ज़ा जमा लिया है। लेकिन, कांग्रेस की इस जीत में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बड़ी भूमिका रही। बीजेपी के सदस्यों ने आम आदमी पार्टी (AAP) को जीत से दूर रखने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार को वोट कर दिया। नतीजा ये हुआ कि सबसे ज्यादा मेंबर होने के बावजूद AAP हार गयी।
बता दें, बुधवार को नार्थ एमसीडी के जोन इलेक्शन में पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के बावजूद भी कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार सीमा ताहिरा जोन चेयरमैन ओर सुलक्षणा डिप्टी चैयरमेन का चुनाव जीत गईं।
कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों को 9-9 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 6 पार्षदों का ही वोट था। मतलब ये कि कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने वाले 3 वोट बीजेपी के हिस्से से मिले। इस ज़ोन में AAP के 8 पार्षद थे। बावजूद इसके, आम आदमी पार्टी को चेयरमैन, डिप्टी चैयरमेन और स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में हार झेलनी पड़ी क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस ने मिलकर जोन में बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया।
कांग्रेस को एमसीडी में ये जीत बीजेपी ने तोहफे में नहीं दी है। इसके पीछे सोची-समझी रणनीति है। दरअसल, बीजेपी की निगाहें सिटी ज़ोन में पड़ने वाली 4 विधानसभा सीटों – चांदनी चौक, मटिया महल, सदर बाजार और बल्लीमारां पर है। इन चारों विधानसभा सीटों पर मौजूदा विधायक आम आदमी पार्टी के हैं। इन मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी कांग्रेस को मजबूत करना चाहती है। बीजेपी का आकलन है कि अगर मुस्लिम वोट बैंक में कांग्रेस की पकड़ मजबूत होगी तो उनके लिए आम आदमी पार्टी को हराना आसान होगा।
कांग्रेस की जीत से आम आदमी पार्टी परेशान है। नॉर्थ एमसीडी में प्रतिपक्ष के नेता अनिल लाकड़ा का इस हार के बाद कहना है कांग्रेस की आज की जीत ने बता दिया है वह बीजेपी की बी टीम है। लेकिन AAP को इस ज़ोन में कमज़ोर करने की बीजेपी की ये रणनीति विधानसभा चुनाव में सफल नहीं होने वाली।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने कांग्रेस की जीत को कूटनीति और राजनीतिक सूझबूझ का परिणाम बताया। गोयल ने कहा कि अपनी नाकामी व अंदरूनी कलह से बचने के लिए AAP के नेता मनमाने आरोप लगा रहे हैं।
वहीं कांग्रेस को जिताने के बारे में उत्तरी दिल्ली नगर निगम में सदन नेता तिलक राज कटारिया ने समर्थन देने के दो कारण गिनाए। पहला ये कि महिला होने के कारण बीजेपी ने समर्थन दिया और दूसरा ये कि निजी प्रयासों और संबंधों के आधार पर बीजेपी और कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने समर्थन किया है।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पिछले बार से अच्छा प्रदर्शन करते हुए आम आदमी पार्टी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन की वजह थी- मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी। अब बीजेपी विधानसभा चुनाव में यही समीकरण बरकरार रखना चाहती है, क्योंकि मुस्लिम वोट बैंक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में बंट जाए तो एकबार फिर से फायदा बीजेपी को ही होगा।
This post was last modified on June 13, 2019 1:41 PM
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