दिल्ली : अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को मिलेगी राहत, हर घर में पहुंचेगा पानी

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नई दिल्ली। देश का एक बड़ा हिस्सा इन दिनों भयानक गर्मी और जलसंकट से जूझ रहा है। यहां तक की देश की राजधानी दिल्ली में भी हालात बेहतर नहीं हैं। दिल्ली में पेयजल किल्लत का एक सबसे बड़ा कारण पेयजल प्रबंधन है। हालांकि दिल्ली सरकार का दावा है कि 4 साल में 546 अनधिकृत कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाया गया है। इससे दिल्ली के करीब 87 फीसद इलाकों में पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है और मौजूदा समय में 1374 कॉलोनियों में पाइपलाइन से पानी आपूर्ति की जा रही है। शेष कॉलोनियां भी डेढ़ साल में पाइपलाइन के नेटवर्क से जुड़ जाएंगी।

वर्ष 2014 में 1642 अनाधिकृत कॉलोनियों में से 965 कॉलोनियों में पाइपलाइन थी और 837 कॉलोनियों में पानी आपूर्ति शुरू हुई थी। इस तरह करीब 58 फीसद कॉलोनियों में पाइपलाइन का नेटवर्क था और 50 फीसद कॉलोनियों में पाइपलाइन से पानी आपूर्ति शुरू हो चुकी थी, जबकि मौजूदा समय में अनाधिकृत कॉलोनियों की संख्या बढ़कर 1725 हो गई हैं, इसमें से 1511 कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। इनमें से 1374 कॉलोनियों में पानी आपूर्ति हो रही है।

137 कॉलोनियों में पाइपलाइन, मगर पानी आपूर्ति नहीं

इस तरह चार साल में 546 कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाई गई और 537 कॉलोनियों में पानी पहुंचा है। इस तरह 80 फीसद कॉलोनियों में पाइपलाइन से पानी आपूर्ति हो रही है। 137 कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां पाइपलाइन होने के बावजूद अभी वहां पानी आपूर्ति शुरू नहीं हो पाया है।

वहीं इस मसले पर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने कहा कि सभी कॉलोनियों में एक साथ पानी पहुंचाना संभव नहीं है। डेढ़ साल में इन सभी कॉलोनियों में पानी आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इसके अलावा जिन कॉलोनियों में अभी पाइपलाइन नहीं है वहां भी डेढ़ साल में पाइपलाइन बिछाकर पानी आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

नए शोधन संयंत्र बनने पर बढ़ेगी पेयजल आपूर्ति

दिल्ली जल बोर्ड सोमवार को चंद्रावल में नए जल शोधन संयंत्र का निर्माण शुरू कराएगा। इसके बाद द्वारका में भी नया जल शोधन संयंत्र बनाया जाएगा। जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने कहा कि नए जल शोधन संयंत्र बनने से पेयजल की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे पेयजल आपूर्ति बेहतर हो पाएगी और लोगों को पेयजल किल्लत से छुटकारा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब 1140 एमजीडी पानी की जरूरत है। हाल के दिनों में पेयजल आपूर्ति बढ़ाई गई है। इसलिए करीब 936 एमजीडी पानी की आपूर्ति हो पा रही है। मांग के अनुरूप पेयजल आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है। इसके मद्देनजर चंद्रावल में नए जल शोधन संयंत्र का निर्माण शुरू किया जा रहा है। इसकी क्षमता 105 एमजीडी होगी। इसके अलावा द्वारका में 50 एमजीडी का नया जल संयंत्र बनेगा।


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This post was last modified on June 24, 2019 2:27 PM

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