AMU में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों ने ईद के मौके पर लंच का न्योता ठुकराया, कहा- ये जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा

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धारा 370 के हटने के बाद से जम्मू और कश्मीर में संचार के सभी माध्यमठप हैं। जम्म-कश्मीर से बाहर दूसरे राज्यों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र ईद के मौके पर वापस अपने घर-परिवार तक पहुंचने में असमर्थ हैं, जिससे वो खफा हैं।

घाटी में अशांति के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देश के अन्य हिस्सों में पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए ईद मनाने की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के चलते जम्मू-कश्मीर नहीं आ पाने वाले छात्रों को ईद का त्योहार मनाने के लिए हर लीएजॉन ऑफ़िसर (संपर्क अधिकारी) को 1 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के आदेश के बाद, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ने भी कश्मीरी छात्रों को ईद के दिन लंच के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एएमयू छात्रों ने यूनिवर्सिटी के इस न्योते का बहिष्कार किया है। न्यूज्ड से बात करते हुए, AMU के एक छात्र तज़ीन जुनैद ने कहा कि ‘कश्मीरी छात्रों ने राज्य में चल रहे कर्फ्यू पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। गवर्नर इस न्योते के जरिये अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाए गए अलोकतांत्रिक तरीकों के लिए छात्र की सहमति खरीदना चाहते हैं।’

11 अगस्त को जारी एक बयान में छात्रों ने कहा कि, “इस निमंत्रण का राजनीतिक अर्थ है। इसका उद्देश्य यह हमारे घावों पर नमक छिड़कना और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करना है।”

बयान में आगे कहा गया है कि, “इस न्योते को स्वीकार करना हमारे माता-पिता के साहस का अपमान होगा जो कश्मीर में बड़े पैमाने पर सैन्य दबाव का सामना कर रहे हैं।”

बता दें, 7 अगस्त को राजभवन में आयोजित एक समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने लोगों को शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए और आने वाले सप्ताह में ईद-उल-अज़हा के त्योहार के आयोजन की व्यवस्था का जायजा लिया था। उन्होंने निर्देश जारी किए कि जम्मू-कश्मीर के बाहर के छात्र जो ईद के जश्न के लिए अपने घर आना चाहते हैं, उन्हें उचित सुविधा मुहैया करायी जाए।

इसके अलावा, राज्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर के उन छात्रों के लिए ईद के उत्सव के आयोजन के लिए संपर्क अधिकारियों को एक-एक लाख रुपये की मंजूरी दी, जो अन्य राज्यों में पढ़ रहे हैं और इस अवसर पर अपने घर आने में असमर्थ हैं। साथ ही उन्होंने छात्रों को घर-परिवार से बात करने के लिए डिप्टी कमिश्नर के कार्यालयों में टेलीफोन लाइनें शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं।


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This post was last modified on August 11, 2019 10:55 PM

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