मध्य प्रदेश का बालाघाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। भाजपा ने वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काटकर ढाल सिंह बिसेन को प्रत्याशी बनाया गया है। ऐसे में वहां पर जमकर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। आखिर में बोध सिंह भगत ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया और पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं, कांग्रेस ने मधु सिंह भगत को टिकट दिया है।इस तरह बालाघाट लोकसभा सीट पर कांग्रेस, बीजेपी और बसपा से कंकर मुंजारे सहित 23 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
बालाघाट लोकसभा पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होने हैं।
बालाघाट सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस के सीडी गौतम ने जीत हासिल की। इसके अगले चुनाव में भी यहां पर कांग्रेस को जीत मिली, हालांकि 1962 के चुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। 1967 में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां पर वापसी की और लगातार 2 चुनावों में यहां पर विजयी रही। 1996 तक बालाघाट में कांग्रेस का ही दबदबा रहा।
भाजपा का खाता इस सीट पर 1998 के चुनाव में खुला। तब गौरीशंकर बिसेन ने कांग्रेस के विश्वेवर भगत को हराकर पहली बार इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई। 1998 में हारने से पहले विश्वेश्वर भगत 1991 और 1996 का चुनाव जीत चुके थे। इसके बाद 2004 तक बिसेन का इस सीट पर कब्जा रहा। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर भाजपा को को जीत मिली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के बोधसिंह भगत ने कांग्रेस की हिना लिखीराम को हराया था।
बालाघाट लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। बैहर, बालाघाट, बारघाट, लांजी, वारसिवनी, सिवनी, पारसवाडा, कटांगी यहां की विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 4 पर कांग्रेस, 3 पर भाजपा का कब्जा है और 1 सीट पर निर्दलीय विधायक है।
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक बालाघाट की जनसंख्या 2361361 है। बालाघाट की 7.91 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 24.73 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 16,29,769 मतदाता थे। इनमें से 8,07,102 महिला मतदाता और 8,22,667 पुरुष मतदाता थे। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 68.31 फीसदी मतदान हुआ था।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के बोधसिंह भगत ने कांग्रेस की हिना लिखीराम को हराया था। बोधसिंह भगत को 4,80,594(43.17 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं हिना लिखीराम को 3,84,553 (34.54 फीसदी) वोट मिले थे। वहीं सपा इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी।
बालाघाट बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। 1998 से बीजेपी की जीत का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले पांच लोकसभा चुनाव से कांग्रेस जीत का स्वाद नहीं चख सकी है। हालांकि इस बार बीजेपी के मौजूदा सांसद बोधसिंह भगत टिकट कटने से नाराज हैं, जिसमें कांग्रेस अपनी जीत की उम्मीद लगाए हुए हैं। वहीं, बसपा ने पूर्व सांसद और विधायक कंकर मजरे के जरिए जीत दर्ज करना चाहती है।
निवर्तमान सांसद: बोधसिंह भगत
बोधसिंह भगत (बीजेपी) – 4,80,594
हिना लिखीराम (कांग्रेस) – 3,84,553
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
अधिसूचना जारी | 2 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 9 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 10 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 12 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 29 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
This post was last modified on May 18, 2019 1:41 PM
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