मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए उनके बेटे नकुल नाथ कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतरे हैं। नकुल नाथ को घेरने के लिए बीजेपी से जुन्नारदेव के पूर्व विधायक व आदिवासी नेता नत्थन शाह चुनावी मैदान में है। इसके अलावा इस सीट पर बसपा से ज्ञानेश्वर गजभिए सहित 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है। यह क्षेत्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ रहा है। कमलनाथ साल 1980 से इस सीट से लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं।
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होने हैं।
छिंदवाड़ा में पहला लोकसभा चुनाव साल 1951 में हुआ जिसमें कांग्रेस के रायचंद भाई शाह को जीत मिली थी। 1957 और 1962 के चुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली। वहीं 1967, 1971 और 1977 के चुनाव में गार्गीशंकर मिश्रा को जीत मिली। इसके बाद 1980 में कांग्रेस की ओर से कमलनाथ मैदान में उतरे। कमलनाथ 1980 से लेकर 1991 तक हुए 3 चुनावों में जीत हासिल किए।1996 के चुनाव में इस सीट पर कमलनाथ की पत्नी अलकानाथ लड़ीं। यहां की जनता ने उन्हें भी निराश नहीं किया और उन्होंने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को मात दी।
1996 में हवाला कांड में नाम आने के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ को टिकट नहीं दिया था। हालांकि बाद में कमलनाथ की पत्नी ने इस्तीफा दे दिया। जिसके कारण 1997 में यहां पर उपचुनाव हुआ। कमलनाथ एक बार फिर मैदान में उतरे। उनके सामने बीजेपी के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा थे। इस चुनाव में पटवा ने कमलनाथ के सपने को तोड़ दिया और इस सीट पर पहली बार कमलनाथ को हार मिली। हालांकि अगले साल 1998 में फिर चुनाव हुए और पटवा कमलनाथ से हार गए। 1998 से लेकर 2014 तक इस सीट पर हुए 5 चुनावों में सिर्फ और सिर्फ कमलनाथ का ही जादू चला है। बीजेपी ने उन्हें हराने की हर कोशिश की, लेकिन उसके सारे प्रयास नाकाम ही रहे।
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं। जुन्नारदेव, सौंसर, पंधुरना, अमरवारा, छिंदवाड़ा, चुरई,पारसिया यहां की विधानसभा सीटें हैं. सभी 7 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
2011 की जनगणना के मुताबिक छिंदवाड़ा की जनसंख्या 2090922 है। छिंदवाड़ा में 11.11 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 36.82 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 14,01,277 मतदाता थे। इनमें से 6,79,795 महिला मतदाता और 7,21,482 पुरुष मतदाता थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 79.03 फीसदी मतदान हुआ था।
2014 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ को जीत मिली थी। उन्होंने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को हराया था। कमलनाथ को 5,59,755(50.54 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं चंद्रभान सिंह को 4,43,218(40.02 फीसदी) वोट मिले थे। यानी दोनों के बीच जीत हार का अंतर 1,16,537 वोटों का था।
निवर्तमान सांसद: कमलनाथ
कमलनाथ (कांग्रेस) – 5,59,755
चंद्रभान सिंह (भाजपा) – 4,43,218
अधिसूचना जारी | 2 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 9 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 10 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 12 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 29 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
This post was last modified on April 28, 2019 5:01 PM
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