पणजी, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| गोवा निवेश संवर्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल प्रकाश ने लालफीताशाही का हवाला देकर मंगलवार रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे एक महीने पहले गोवा के प्रमुख उद्योगपतियों ने दावा किया था कि प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापार करने में सहजता) अपने सबसे खराब स्तर पर गिर गया है। प्रक्रियाएं जल्द पूरी करने और निवेश प्रस्तावों के जरिए गोवा में निवेश आकर्षित करने वाले इस बोर्ड के अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत हैं।
प्रकाश ने अपने इस्तीफा में लिखा, “मुझे लगता था कि मेरी विशेषज्ञता और कुशलता से गोवा-आईपीबी की कार्यप्रणाली में बदलाव आएगा। गोवा-आईपीबी गोवा में निवेश के लिए मुख्य द्वार है। हालांकि यह नहीं हुआ और मैं उसी लालफीताशाही का शिकार हो गया, व्यवसायी शिकायत करते हैं।”
मजेदार बात यह है कि उनका यह इस्तीफा गोवा द्वारा वाइब्रेंट गोवा-2019 की मेजबानी करने से एक महीने पहले आया है। वाइब्रेंट-गोवा 2019 एक वैश्विक एक्सपो और सम्मेलन है।
प्रकाश ने अपने इस्तीफे में लिखा कि पिछले साल जब उन्होंने सीईओ का पद संभाला था, तब उन्हें लगा था कि गोवा एक निवेश-अनुकूल राज्य के तौर पर बदलाव की रेस में सबसे आगे चलना चाहता है।
भारत सरकार द्वारा 2018 में जारी भारतीय राज्यों की ईज ऑफ बिजनेस रैंकिंग में गोवा, बिहार से भी पीछे 19वें स्थान पर था।
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