कोरोना वायरस: अमेरिकी फर्म ने गुरुग्राम यूनिट के कई कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाला

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कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप के बीच, न्यूयॉर्क की ग्लोबल टेक ट्रैवल फर्म फेयरपोर्टल ने गुरुग्राम यूनिट में काम कर रहे कम-से-कम सौ कर्मचारियों को बिना कोई कारण बताए नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी ने अपने पुणे फर्म में भी कार्यरत कर्मचारियों को हटाया है।

अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी द्वारा हटाए गए ये कर्मचारी पांच से 10 साल से यहाँ काम कर रहे थे। हालांकि हटाए गए कर्मचारियों की सटीक संख्या का पता नहीं चल पाया है, लेकिन बर्खास्त कर्मचारियों का दावा है कि कुल मिलाकर 800 से अधिक लोगों की नौकरी चली गई है। अख़बार ने कंपनी की गुरुग्राम इकाई के उपाध्यक्ष विनय कांची से इस मामले में की प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।

‘नौकरी से हटाना अवैध’

ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को फेयरपोर्टल में कर्मचारियों की अवैध निकासी के बारे में प्राप्त शिकायतों पर पत्र लिखा है। अपने पत्र में यूनियन ने कहा कि यह सभी कानूनों का घोर उल्लंघन है और कंपनी ने COVID-19 के प्रकोप के दौरान कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है।

यूनियन ने सीएम से इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की मांग करते हुए, पत्र में आगे कहा है कि सरकारों ने नियोक्ताओं को कर्मचारियों को नौकरी से निकालने से मना किया था। मगर कंपनी के इस व्यवहार से कर्मचारियों के लिए मुश्किल की स्थिति को और बढ़ा दिया।

जानकारी के मुताबिक, यूनियन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और श्रम और रोजगार राज्य मंत्री को भी ऐसा ही पत्र लिखा है।

ई-मेल पर मिला टर्मिनेशन लेटर

पिछले चार वर्षों से कंपनी के साथ काम कर रहे एक टिकटिंग एग्जीक्यूटिव राजू प्रसाद ने कहा कि उन्हें और उनके कई सहयोगियों को ई-मेल के माध्यम से अपने टर्मिनेशन लेटर (समाप्ति पत्र) मिला। कंपनी ने इस मेल में कोई कारण बताए बिना नौकरी से निकालने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में किराए पर रह रहे थे और उनकी बीमार मां सहित, तीन लोगों का परिवार था, और अचानक उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। राजू ने दावा किया कि वह ऐसे 134 सहयोगियों के संपर्क में है जिन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।

राजू ने कहा, “बर्खास्त किए गए कई लोग कई सालों से कंपनी के साथ काम कर रहे थे। उनमें से कुछ तो 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में उनके लिए नौकरी पाना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि अकेले गुरुग्राम में बर्खास्त कर्मचारियों की संख्या लगभग 500 हो सकती है और माना जा रहा है कि पुणे में भी इतने ही लोगों को बर्खास्त किया गया है। राजू ने कहा कि अचानक छंटनी के कारण का पता लगाने के लिए उन्होंने कंपनी के मैनजमेंट को कई बार फोन लगाया, मगर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

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