Honda का मानेसर प्लांट अनिश्चितकाल के लिए बंद, आठ दिनों से कर्मचारी कर रहे हड़ताल

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अर्थव्यवस्था में आई मंदी से ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा हलकान है। जापान की टू-व्हीलर व्हीकल निर्माता कंपनी होंडा (Honda) ने अपने मानेसर स्थित प्लांट (Manesar Plant) को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का फैसला लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों की हड़ताल (Strike) के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है। कंपनी का कहना है कि धरने में शामिल कुछ कर्मचारियों ने दुर्व्यवहार किया था, जिसके बाद कंपनी ने 650 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया। कंपनी ने अभी तक यह नहीं बताया है काम कब तक शुरू हो पाएगा।

कर्मचारियों को खाने और शौचालय जाने से रोका

होंडा के मानेसर प्लांट (Honda Manesar Plant) के बाहर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने मैनजमेंट पर सवाल खड़े किए हैं। कर्मचारियों के एक ग्रुप ने बताया कि हमें खाना नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, शौचालय जाने से भी मना किया गया। हमने कंपनी को अपने महत्वपूर्ण दस साल दिए हैं, लेकिन कंपनी ने हमारे लिए क्या किया? हमें कंपनी की तरफ से सिर्फ 14 हजार रुपये वेतन मिल रहा है। एक कर्मचारी ने कहा कि हमें बिना किसी नोटिस के पिछले हफ्ते कंपनी छोड़ने के लिए कहा गया। धरने पर बैठे कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें फिर से काम पर रखा जाए या उन्हें मुआवजे के तौर पर एक लाख रुपये मिले।

गौरतलब है कि कंपनी के हड़ताली कर्मचारियों और मैनेजमेंट टीम के बीच बातचीत के लिए सोमवार को एक बैठक बुलाई गई थी। लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही। इसके बाद मामले को सुलझाने के लिए मैनेजमेंट टीम ने मंगलवार को सेन्ट्रल रिप्रेजेन्टेटिव के साथ बैठक की। लेकिन इसका भी कुछ खास फायदा नहीं हुआ। अब कंपनी ने प्लांट को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखने का फैसला किया है। होंडा की तरफ से कर्मचारियों को कहा गया है कि गतिरोध के चलते अगले आदेश तक प्लांट में काम बंद रखा जाएगा।

आठ दिन से हड़ताल पर हैं कर्मचारी

गौरतलब है कि होंडा के आईएमटी मानेसर सेक्टर-3 स्थित प्लांट में पिछले आठ दिन से गतिरोध जारी है। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी कई दिनों से 100 से 150 कर्मचारियों को हटाती जा रही है। पांच नवंबर को सुबह 10.30 बजे करीब 150 कर्मचारियों को हटाने को आदेश जारी कर दिया, जिससे श्रमिक भड़क गए।

कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी हर तीन महीने बाद कर्मियों को तीन से चार माह के लिए हटा देती है। पहले हटाए गए काफी कर्मचारियों को रखा भी नहीं गया। ऐसे हालात में वह आर्थिक तंगी से जूझते रहते हैं। कंपनी प्रबंधन से कई बार बात भी हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। दिवाली से पहले भी स्थायी कर्मचारी को निकालने पर प्लांट में विवाद बढ़ गया था, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने दिवाली होने की वजह से स्थिति को संभाल लिया और प्लांट चालू रखा। होंडा कंपनी में करीब 2200 अनुबंधित कर्मचारी चार-पांच वर्ष से काम कर रहे हैं। जबकि लगभग 1900 कर्मचारी स्थायी हैं।

बता दें कि सियाम की तरफ से जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक देश में दोपहिया वाहन कंपनियों की बिक्री भी घटी है। पूरा ऑटो सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। अप्रैल से लेकर अक्टूबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 16 फीसदी कमी देखी गई है।


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