बेंगलुरू, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| हॉस्पिटेलिटी उद्योग में पिछले दो सप्ताह बेहद हलचल से भरे रहे। जहां एक ओर देश की राजनीति में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनैतिक संघर्ष चल रहा था, वहीं दूसरी ओर छुट्टियों के सीजन से ठीक पहले होटल एसोसिएशन और ऑनलाइन ट्रेवल एजेंट (ओटीए) के बीच हलचल मची हुई थी।
कुछ बड़े ओटीए नामों में शामिल हैं, मेकमाईट्रिप डॉट कॉम, गोइबिबो डॉट कॉम, यात्रा डॉट कॉम, ट्रेवलगुरु डॉट कॉम, क्लियरट्रिप डॉट कॉम, बुकिंग डॉट कॉम, होटल्स डॉट कॉम, ट्रिपअडवाइजर डॉट कॉम, ट्रिवागो डॉट कॉम, ट्रिवो डॉट कॉम एवं फैबहोटल्स डॉट कॉम।
इन पर आरोप लगाया गया है कि उपभोक्ताओं को बहुत कम कीमतों पर कमरे दिए जाने के कारण बजट होटलों के मुनाफे पर बुरा असर पड़ा है। जहां एक ओर इन ओटीए को एसोसिएशन से बाहर किए जाने का डर सता रहा है, वहीं दूसरी ओर उन्हें लगता है कि ऑनलाईन कीमतों को बढ़ाकर रातों-रात समस्या का समाधान किया जा सकता है।
वास्तव में 3000 रुपये नाईट वाले कमरे पर 15 फीसदी, 1000 रुपये नाईट वाले कमरे पर 25 फीसदी शुल्क लगाकर ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है और होटल मालिक यही चाहते हैं। लेकिन इसका बुरा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा जो अपनी अगली छुट्टियों के लिए बजट होटल बुक करने की योजना बना रहे हैं।
ऑनलाइन ट्रेवल साइट के एक प्रवक्ता ने कहा, “इससे हम देश के उपभोक्ताओं को किफायती होटल अकॉमोडेशन सेवाएं नहीं उपलब्ध करा सकेंगे, इसके अलावा बजट होटल ढूंढने वाले मध्यम वर्ग के उपभोक्त बुकिंग पर ऑनलाईन डिस्काउन्ट का लाभ नहीं उठा सकेंगे।”
इसके अलावा कई बजट होटल एसोसिएशन हैं जिन्होंने हाल ही में होटल मालिकों से ‘निष्पक्षता’ लाने की अपील की है। इसी बीच, ओयो होटल को निशाना बनाया गया, इन संगठनों के ज्यादातर सदस्य वे लोग हैं जो स्वतन्त्र प्रॉपर्टीज का संचालन कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें ओयो होटल्स के साथ सीधी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो हजारों फ्रैंचाइज्ड और लीज्ड होटल चलाती हैं। लेकिन किसी होटल चेन को कीमतें बढ़ाने में परेशानी क्यों होगी।
ओयो के एक प्रवक्ता ने बताया “अगर मांग बढ़ने के साथ वे कीमतें बढ़ा दें और फ्रेंचाइज शुल्क कम कर दें, तो सबसे ज्यादा नुकसान उपभोक्ता को ही होगा। छोटे शहरों से आने वाले लाखों भारतीयों के लिए शुल्क 40 फीसदी बढ़ जाएगा। जिसके कारण मांग और ऑक्यूपेन्सी कम होगी और होटल मालिकों को भी नुकसान झेलना पड़ेगा।”
अब अगर होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बात करें तो वे अलग ही तस्वीर पेश करते हैं। होटल मालिकों की तुलना उबर और ओला के ड्राइवरों के साथ या उस किसान के साथ की जा रही है।
उद्योग जगत के एक सूत्र ने कहा कि एक और बात रोशनी में आई है कि हाल ही में गठित एसोसिएशन ऑफ इंडियन होटल्स एंड सर्विस अपॉर्टमेन्ट्स के मालिक सूर्या पोकल्ली के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वह भी होटल एसोसिएशन कॉन्फेडरेश्न ऑफ इंडिया के साथ सक्रिय रहे हैं।
एफआईआर के अनुसार सूर्या प्रकासम पोकल्ली पर वेश्यावृत्ति एवं अवैध प्रथाओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है जो ब्रांडेड बजट अकॉमोडेशन चुनने वाले मेहमानों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। इसके तहत आईडी की जांच के बिना मेहमानों की चैक-इन का आरोप भी शामिल है, जिसके चलते होलल्लासुरू पुलिस स्टेशन ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसकी जांच की जा रही है। इन सब आरोपों के चलते ओयो द्वारा उनकी फ्रेचाइज को रद्द कर दिया गया।
मुद्दे की बात है कि कोई भी नहीं चाहता कि होटल मालिकों का मुनाफा कम हो। साफ है कि ऐसे मुद्दों को हल करना जरूरी है कि जिनका बुरा असर बजट होटलों पर पड़ सकता है और इस बात से कोई भी इन्कार नहीं करता। हालांकि ओटीए को ऑनलाईन ज्यादा छूट देने से रोकना यात्रा एवं पर्यटन बाजार में एकाधिकार की स्थिति को बढ़ावा दे सकता है।
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