हैदराबाद गैंगरेप-मर्डर केस (Hyderabad gang rape murder case) के चारों आरोपियों के साथ शुक्रवार तड़के हुए पुलिस एनकाउंटर (Encounter) पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। बलात्कार के नाम पर कोई भी पुलिस एनकाउंटर करना गलत है।
वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘एनकाउंटर हमेशा ठीक नहीं होते हैं। इस मामले में पुलिस के दावे के मुताबिक आरोपी बंदूक छीन कर भाग रहे थे। ऐसे में शायद उनका फैसला ठीक है। हमारी मांग थी कि आरोपियों को फांसी की सजा मिले, लेकिन वो कानूनी प्रक्रिया के तहत हो। हम चाहते थे कि त्वरित न्याय हो। पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई होनी चाहिए। आज लोग एनकाउंटर से खुश हैं, लेकिन हमारा संविधान है, कानूनी प्रक्रिया है।’
वरिष्ठ वकील करुणा नंदी ने ट्विटर पर लिखा, अब कभी किसी को नहीं पता चलेगा कि पुलिस ने जिन चारों को मारा, वे निर्दोष तो नहीं थे। तेजी से कार्रवाई दिखाने के लिए कहीं उन्हें गिरफ्तार तो नहीं किया गया था और कहीं जो असली गुनहगार है वे बेफिक्र होकर घूम तो नहीं रहे हों।
इसके अलावा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एनकाउंटर को लेकर खुलकर सवाल तो नहीं उठाया, लेकिन दबी जुबान में जांच की मांग की है। ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक एनकाउंटर की जांच होनी चाहिए।
वहीं महाराष्ट्र में वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने हैदराबाद पुलिस के खिलाफ जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि, ‘सभी आरोपी थे, न कि दोषी। एक ऐसी ही घटना छत्तीसगढ़ में भी हुई थी, जहां 36 लोगों को नक्सली बताकर मार दिया गया था, जबकि वे नक्सली नहीं थे। प्रकाश आंबेडकर ने इसके लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राजनीतिक प्रमुख गलत आदेश दे रहे हैं।
इन चारों आरोपियों पर महिला वेटेरनरी डॉक्टर के साथ रेप का आरोप था। पुलिस का दावा है कि ये सभी आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे और इस दौरान पुलिस की ओर से हुई फायरिंग में सभी आरोपी मारे गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह एनकाउंटर आज तड़के 3 बजे हुआ है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद पुलिस इन चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई थी ताकि ‘सीन ऑफ क्राइम’ (रिक्रिएशन) की जांच की जा सके। लेकिन उनमें से एक आरोपी पुलिसकर्मी का हथियार छीन कर भागने की कोशिश करने लगा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर ये आरोपी भाग जाते तो बड़ा बवाल खड़ा हो जाता। इसलिए पुलिस के पास और कोई रास्ता नहीं था और जवाबी फायरिंग में चारों आरोपी मारे गए।
This post was last modified on December 6, 2019 11:42 AM
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