मेलबॉर्न में खेले गए तीसरे और आखिरी वनडे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से शिकस्त देकर टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर पहली बार कोई बाइलैटरल (द्विपक्षीय) वनडे सीरीज जीतने का कारनामा किया है। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने कंगारुओं को उनके घर में मात देकर वनडे सीरीज जीत ली है। इसके साथ ही भारत ने 2018-2019 ऑस्ट्रेलियाई दौरे का अंत बिना कोई सीरीज गंवाए किया है।
यह पहला मौका है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में एक ही दौरे पर दो सीरीज (टेस्ट और वनडे) अपने नाम की है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने तीन मैचों की टी-20 सीरीज 1-1 की बराबरी पर खत्म की। उसके बाद टेस्ट सीरीज में 2-1 से ऐतिहासिक जीत दर्ज की और अब वनडे इंटरनेशनल सीरीज भी भारत 2-1 से जीतने में कामयाब रहा।
वनडे सीरीज की बात करें तो टीम इंडिया ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 12 सीरीज खेली हैं, मगर इसमें एक सीरीज को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी सीरीज में दो से ज्यादा टीमों ने हिस्सा लिया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एकमात्र द्विपक्षीय वनडे सीरीज साल 2016 में खेली गई थी। पांच मैचों की इस सीरीज में भारत को 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी। ओवरऑल रिकॉर्ड देखा जाए तो टीम इंडिया ने अबतक ऑस्ट्रेलिया में कुल 51 वनडे खेले हैं, जिसमें 13 में उन्हें जीत मिली, जबकि 36 मैच हार गए और 2 बेनतीजा रहे।
इससे पहले टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में दो वनडे सीरीज जीती हैं, लेकिन वह बाइलैटरल (द्विपक्षीय) नहीं, बल्कि बहुपक्षीय वनडे सीरीज रहीं। भारत ने 1984-1985 में बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड चैंपियनशिप टूर्नामेंट जीता था। इसके बाद भारत ने 2007-2008 में कॉमनवेल्थ बैंक वनडे ट्राई सीरीज अपने नाम की थी। 1984-1985 में भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में कंगारुओं की धरती पर मल्टीनेशन वनडे टूर्नामेंट जीता था। इस टूर्नामेंट के एक मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर आठ विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
एमसीजी पर 1984-1985 में बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड चैंपियनशिप भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण थी। टीम इंडिया को नॉकआउट करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को 223 रन बनाकर मेहमान टीम को 160 रन के स्कोर पर रोकने की जरूरत थी। लेकिन, रॉजर बिन्नी (27/3) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया को 163 रन पर ऑलआउट कर दिया। इसके बाद कृष्णमचारी श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और भारतीय टीम को आठ विकेट की यादगार जीत दिलाई। श्रीकांत ने अपनी 93 रन की नाबाद पारी में 12 चौके जमाए। इसके बाद भारत ने आगे चलकर पाकिस्तान को आठ विकेट से हराकर बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड चैंपियनशिप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
22 साल बाद 2007-2008 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस टूर्नमेंट में गौतम गंभीर ने 440 रन बनाए थे जबकि सचिन तेंदुलकर ने 399 रन बनाए। भारत के लिए ईशांत शर्मा ने 14 इरफान पठान ने 11 और प्रवीण कुमार ने 10 विकेट हासिल किए। इस ट्राई सीरीज के पहले और दूसरे फाइनल में सचिन तेंदुलकर ने क्रमश: 117 और 91 रनों की पारी खेली। तब सचिन ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपना पहला वनडे शतक जमाया था। भारत ने बेस्ट ऑफ थ्री के पहले दो फाइनल जीतकर ट्रॉफी अपने नाम की।
आपको बता दें कि टेस्ट में कंगारुओं को पस्त करने वाली विराट ब्रिगेड ने वनडे सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया है। वनडे सीरीज में जीत दिलाकर विराट कोहली भारत के पहले ऐसे कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर एक ही दौरे में टेस्ट और बाइलैटरल (द्विपक्षीय) वनडे सीरीज में फतह हासिल की है।
भारतीय टीम ने एडिलेड में हासिल की खास उपलब्धि
This post was last modified on January 18, 2019 11:28 AM
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