International Nurses Day 2020: कोरोना वायरस की वजह से साल 2020 दुनिया के लिए सबसे ज्यादा चुनौती भरा है। इस वायरस ने अबतक करीब पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। वहीं, 42 लाख के करीब लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। ऐसे में लोगों के साथ-साथ डॉक्टरों और नर्सों के लिए भी ये एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप उभर के सामने आया है।
जहां एक तरफ लोग अपने बचाव के लिए घरों में हैं वहीं, डॉक्टर और नर्स इससे सीधी जंग लड़ रहे हैं। इस जंग में डॉक्टरों का ही नहीं, नर्सों का भी अहम रोल है। इलाज के दौरान नर्सें बीमार लोगों का हर समय ख्याल रखती हैं और उनकी दवाई से लेकर उनके स्वास्थ्य से संबंधित हर चीज की देखभाल करती हैं।
नर्सों के इसी सम्मान के लिए हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) मनाया जाता है। आइए इस मौके पर जानते हैं, इतिहास की 5 सबसे प्रेरणादयक नर्सों के बारे में, जिन्होंने अपने मरीज की जान बचाने के लिए जी जान एक कर दी थी।
12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस में जन्मी फ्लोरेंस नाइटिंगेल इतिहास की सबसे कामयाब में नर्सों में से एक हैं। इन्होंने ही मॉर्डन नर्सिंग की शुरूआत की थी। फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने 1849 में इजिप्ट के सेंट विंसेन्ट डे पॉल नर्सिंग संस्थान से ट्रेनिंग ले थी। इसके बाद उन्होंने जर्मनी और फ्रांस में भी नर्स की ट्रेनिंग ली। जिसके बाद उन्होंने कई बीमार महिलाओं की नर्स के तौर पर सेवा की। इस दौरान फ्लोरेंस ने बहुत कुछ सीखा। उन्होंने मरीज की देखभाल और उनके स्वास्थ्य के लिए जी जान से काम किया था।
अमेरिकी रेड क्रोस की संस्थापक क्लौरा बार्टन पेशे से तो एक अध्यापिका थीं लेकिन उन्होंने इस पेशे को छोड़ नर्स बनने का फैसला किया। क्लौरा ने अमेरिकी गृह युद्ध में घायल लोगों की नर्स के तौर पर देखभाल और उनको इस घाव से उबरने के लिए मदद की। इसलिए अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर पूरी दुनिया उनको एक सफल नर्स के तौर पर याद करती है।
साल 1802 में अमेरिका में जन्मी डोरोथिया लिंडे डिक्स को वैसे तो शुरुआत में एक सफल नर्स नहीं माना गया। हालांकि उन्होंने मानसिक रूप से बीमार लोगों के अधिकार के लिए लड़ाई जीतकर यह साबित कर दिया कि वह एक कामयाब नर्स हैं। डोरोथिया एक अध्यापिक थी इसलिए उन्होंने नर्स बनने की ठानी है। आज उन्हें दुनिया की सफल नर्सों में गिना जाता है।
प्लैंड पैरन्थॉड की संस्थापक मार्ग्रेट सेंगर एक बहुत ही सफल नर्स के रूप में जानी जाती हैं। मार्ग्रेट सेंगर की मां की प्रग्नेंसी के दौरान मौत हो गई थी तो उन्होंने नर्स बनने के लिए ठान लिया था। नर्स बनने के बाद मार्ग्रेट ने लोगों के घर-घर जाकर नर्स के तौर पर काम किया। उनके इसी समर्पण के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है।
एलिजाबेथ ग्रेस नील का 1846 में इंग्लैंड में जन्म हुआ था उन्हें एक कामयाब और बहादुर नर्स के तौर पर जाना जाता है। इन्होंने लंदन में सेंट जोन हाउस सिस्टरहुड संस्थान से अपनी नर्स की पढ़ाई पूरी की थी। एलिजाबेथ ग्रेस ने अपनी नर्सिंग करियर की शुरुआत छोटे बच्चों के अस्तपाल में एक नर्स के तौर पर की थी। हालांकि 1986 में उन्होंने इंग्लैंड छोड़ दिया था और ऑस्ट्रेलिया में पत्रकार के तौर पर काम करने लगीं। बहरहाल वह हर समय एक नर्स के तौर काम करने के लिए तैयार रहती थीं।
This post was last modified on May 11, 2020 9:59 PM
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