बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान ने बीते 29 अप्रैल को इस दुनिया को सदा के लिए अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर से हर कोई मर्माहत है। वह पिछले दो साल से कैंसर जैसी बीमारी से लड़ाई लड़ रहे थे। इरफान के पूरे सफर में एक शख्स ने उनका अंत तक साथ निभाया- उनकी पत्नी सुतपा सिकदर। दोनों नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दिनों से साथ हैं और 35 सालों तक कदम-कदम पर एक-दूसरे का साथ निभाते रहे। इरफान के निधन के बाद सुतपा ने उनके चाहने वालों के लिए एक इमोशनल पोस्ट लिखा है। उन्होंने कहा है कि यह पोस्ट उनके पूरे परिवार की तरफ से है। सुतपा का इरफान को आखिरी विदाई देने वाले पत्र का हिंदी तर्जुमा पढ़िए…
मैं इसे फैमिली स्टेटमेंट के तौर पर भला कैसे लिख सकती हूं, जहां पूरी दुनिया इसे अपना खुद का नुकसान मान रही है? मैं खुद को यहां अकेला कैसे समझूं जब इस वक्त लाखों लोग गम में डूबे हैं? मैं हर किसी को आश्वस्त करना चाहती हूं कि यह हमारे लिए नुकसान नहीं बल्कि फायदा है। यह हमारे लिए वह फायदा है, जो उन्होंने हमें सिखाया है और अब हमें उनपर फाइनली उनपर अमल करना है और उन्हें आगे बढ़ाना है। हालांकि, अभी मैं कुछ चीजों को भरने की कोशिश कर रही हूं, जिसके बारे में पहले से लोगों को पता नहीं होगा।
यह हमारे लिए अविश्वसनीय है, लेकिन मैं इसे इरफान के शब्दों में कहूंगी कि ‘ये जादुई है’। भले वो वहां हों या नहीं। और यही उन्हें पसंद भी था। वो कभी एक-आयामी असलियत के प्रेमी नहीं रहे। मुझे उनसे सिर्फ एक शिकायत है कि उन्होंने मुझे जीवनभर के लिए बिगाड़ दिया। उनकी परफेक्शन की कोशिशें, मुझे किसी भी साधारण चीज़ को स्वीकार नहीं करने देंगी। एक धुन थी, जो उन्हें हर चीज़ में सुनाई देती थी। हल्ले-गुल्ले और कोलाहल के बीच भी। मैंने उस धुन पर नाचना और गाना सीख लिया। बड़ी हास्यास्पद बात है कि हमारा जीवन अभिनय का मास्टक्लास रहा। जब हमारे जीवन में कुछ ‘बिन बुलाए मेहमानों’ का आना हुआ, तब मैंने उस हंगामे से भी सामंजस्य बिठाना सीख लिया।
डॉक्टरों की रिपोर्ट मुझे स्क्रिप्ट जैसी लगती और चाहती थी कि यह परफेक्ट हो, इसलिए मैंने ऐसी कोई डीटेल मिस नहीं की जो उन्होंने अपनी परफॉर्मेंस में तलाशा हो। हमने इस सफर के दौरान कुछ अद्भुत लोगों से मिली, जिसकी लिस्ट लंबी है, लेकिन कुछ ऐसे हैं जिनका नाम मैं यहां बताना चाहूंगी। हमारे ऑन्कॉलजिस्ट डॉक्टर नितेश रस्तोगी (Max hospital Saket), जिन्होंने शुरुआत से हमारा हाथ थामे रखा, डॉक्टर डैन क्रेल (UK), डॉक्टर शिद्रवी (UK), मेरी धड़कन और अंधेरे में मेरे लिए रोशनी की तरह बनी रहीं डॉक्टर सेमंती लिमये (कोकिलाबेन हॉस्पिटल)।
यह सफर कितना आश्चर्यजनक, खूबसूरत, जबरदस्त, तकलीफदेह और एक्साइटिंग रहा, इसे शब्दों में बता पाना काफी कठिन है। हमारे 35 साल के साथ में पिछले दो साल एक अंतराल की तरह थे, जिसकी अपनी शुरुआत, मध्य और पराकाष्ठा रही, जिसमें इरफान किसी ऑरकेस्ट्रा कंडक्टर का रोल कर रहे थे। हमारी शादी नहीं थी, मिलन था। मैं अपने छोटे से परिवार को एक नाव में बैठा देखती हूं। मेरे दोनों बच्चे बाबिल और अयान उसे खेते हुए आगे बढ़ते हैं। इरफान उन्हें गाइड करते हुए कहते हैं- ‘वहां नहीं, यहां से मोड़ो।’ लेकिन चूंकि जीवन सिनेमा नहीं है, यहां कोई रिटेक नहीं होता। मैं पूरे मन से चाहती हूं कि मेरे बच्चे अपने पिता के मार्गदर्शन को दिमाग में रखते हुए अपनी नाव हर तूफान से बीच से लेकर निकलें।
मैंने अपने बच्चों से पूछा कि क्या वो अपने पिता की बताई कोई सीख साझा कर सकते हैं, जो उनके लिए बेहद ज़रूरी हो।
बाबिल ने कहा- खुद को अनिश्चितता के हाथों में सौंप दो और ब्रह्मांड में अपना यकीन बनाए रखो।
अयान ने कहा- अपने दिमाग को नियंत्रित करना सीखो, उससे नियंत्रित मत हो।
जब हम उनकी पसंदीदा रात की रानी के पौधे को पानी देंगे, आंखों से आंसू खुद ही बहने लगेंगे। क्योंकि ये वही जगह है, जहां हमने उन्हें इस जंग के बाद आराम करने के लिए रखा है। थोड़ा समय लगेगा लेकिन जब ये फूल खिलेगा, तब इसकी महक फैलेगी और उन सब लोगों की आत्मा तक पहुंचेगी जिन्हें मैं प्रशंसक नहीं अपना परिवार कहूंगी।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…