धारा 370 के खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर का भौगोलिक और राजनीतिक स्वरूप कैसा होगा?

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नई दिल्ली। संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करने के केंद्र के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) का भौगोलिक और राजनीतिक स्वरूप बदल जाएगा। लद्दाख (Ladakh) के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कारगिल जिला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का हिस्सा नहीं रह जाएगा। जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक (Jammu Kashmir reorganisation bill) के प्रावधानों के मुताबिक कारगिल (Kargil) और लेह (Leh)  जिले को मिलाकर लद्दाख (Ladakh) को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा। जम्मू-कश्मीर राज्य के बाकी बचे जिलों को मिलाकर जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित राज्य (Union Territory of Jammu Kashmir) बनाया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर राज्य में कुल 22 जिले थे। आइये जानते हैं जम्मू-कश्मीर में क्या-कुछ बदल जाएगा…

जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 :

– केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का गठन होगा

– इसमें कारगिल और लेह जिले शामिल होंगे

– केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर का गठन होगा

– इसमें लद्दाख और लेह के अलावा बाकी सभी इलाके शामिल होंगे।

राज्यपाल का दर्जा :

– मौजूदा जम्मू एवं कश्मीर राज्य के राज्यपाल अब केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित लद्दाख के उपराज्यपाल होंगे।

राज्यसभा में प्रतिनिधित्व :

– जम्मू एवं कश्मीर के चार मौजूदा राज्यसभा सदस्य केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर के सदस्य होंगे। उनके कार्यकाल यथावत रहेंगे।

लोकसभा में प्रतिनिधित्व :

– केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर में पांच लोकसभा सीटें होंगी।

– केंद्र शासित लद्दाख में एक लोकसभा सीट होगी।

उपराज्यपाल, जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा :

– केंद्र शासित पुडुचेरी के लिए लागू अनुच्छेद 239ए में मौजूद प्रावधान केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर के लिए भी लागू होंगे।

– विधानसभा में प्रत्यक्ष चुनाव वाली 107 सीटें होंगी। (जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में पहले 111 सीटें थीं, जिनमें से 87 के लिए चुनाव होते थे।)

– पाकिस्तानी कब्जे वाली 24 सीटें खाली रहेंगी (पहले की विधानसभा में जिस तरह खाली रहती थीं।)

– उपराज्यपाल विधानसभा में दो महिला सदस्यों को नामित कर सकते हैं।

– विधानसभा का कार्यकाल पांच साल होगा (पहले छह साल था)।

– केंद्रीय कानून केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में लागू होंगे।

सरकार ने विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का प्रस्ताव किया :

– विधानसभा सीटों का पुनर्गठन होगा और सीटों के नक्शे तैयार किए जाएंगे।

– फिलहाल जम्मू क्षेत्र में 37 विधानसभा सीटें हैं और कश्मीर में 46 सीटें।

अनुच्छेद 370 ने क्या रोक रखा था :

– सूचना का अधिकार का क्रियान्वयन।

– शिक्षा का अधिकार।

– नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की जांच।

– कश्मीर में महिलाओं के लिए शरिया कानून से आजादी।

– पंचायतों को अधिकार।

– हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण।

– देश के अन्य राज्यों के नागरिकों को कश्मीर में जमीन खरीदने या जमीन का स्वामित्व रखने से।

– कश्मीर की भारतीय महिलाओं से शादी करने वाले पाकिस्तानियों को भारतीय नागरिकता लेने से।


धारा 370 खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदल जाएगा?

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This post was last modified on August 6, 2019 11:51 AM

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