नई दिल्ली | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में जारी गतिरोध को समाप्त करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जरूरी कदमों की अनुशंसा करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय समिति गठित की। तीन सदस्यीय समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर वी.एस. चौहान, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन शामिल हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के केंद्रीय विश्वविद्यालय ब्यूरो की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, समिति सभी संबद्ध लोगों से वार्ता करेगी और जेएनयू प्रशासन को विवादित मुद्दों के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह देगी।
मंत्रालय के आदेश के अनुसार, “उपरोक्त समिति को तत्काल छात्रों और यूनिवर्सिटी प्रशासन से बात करने तथा मुद्दों को सुलझाने के लिए जरूरी कदमों की सिफारिश की रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।”
जेएनयू छात्र पिछले 20 दिनों से तबसे यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जब छात्रावास (हॉस्टल) की नियमावली का मसौदा पेश किया गया था, जिसमें हॉस्टल की फीस बढ़ाने, ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग (समय सारिणी) निर्धारित की गई थी।
छात्रों के आगे झुका JNU प्रशासन, फीस वृद्धि सहित अन्य प्रस्तावों को आंशिक तौर पर लिया वापस
This post was last modified on November 18, 2019 3:19 PM
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