रांची | झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए दो चरण का मतदान संपन्न हो जाने के बाद सभी दल तीसरे चरण में 12 दिसंबर को होने वाले मतदान वाले क्षेत्रों में पूरा जोर लगा रहे हैं। इस चरण में 17 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। इस चरण का मतदान पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो की पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि इस चरण का मतदान न केवल सुदेश महतो का, बल्कि पूरे आजसू का राजनीतिक भविष्य तय करेगा।
इस चरण में जिन 17 सीटों पर मतदान होना है, उसमें से 13 ऐसी सीटें हैं जहां आजसू के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें सिल्ली विधानसभा भी शामिल है, जहां से सुदेश महतो खुद चौथी बार विजय प्राप्त कर विधानसभा पहुंचने को लेकर रात-दिन पसीना बहा रहे हैं।
इसके अलावा इस चरण में रामगढ़ विधानसभा सीट के लिए भी मतदान होना है, जहां पिछले तीन चुनावों से आजसू का कब्जा रहा है। इसके अलावा इस चरण में पांच ऐसी सीटें भी शामिल हैं, जहां आजसू पिछले पांच सालों से लगातर मेहनत कर रही है।
उल्लेखनीय है कि रामगढ़ से पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी पिछले तीन चुनावों से जीतते रहे हैं। उनके सांसद बन जाने के बाद आजसू ने इस चुनाव में उनकी पत्नी सुनीता चौधरी को मैदान में उतारा है। इस चुनाव के महत्वपूर्ण होने के कारण आजसू के नेता से कार्यकर्ता कोई कोताही नहीं बरतना चाहते।
आजसू इस चरण के चुनाव में रांची से वर्षा गाड़ी को चुनाव मैदान में उतारा है। आजसू की नेता रहीं वर्षा इससे पहले झामुमो की ओर से रांची मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। इस चुनाव में उन्होंने झामुमो का दामन छोड़कर एकबार फिर आजसू का दामन थाम लिया है। आजसू ने भी उन्हें रांची से चुनाव मैदान में उतार दिया है।
इसके अलावा गोमिया में भी इस चरण में मतदान होना है, जहां से आजसू ने अपने पुराने नेता लंबोदर पाठक को दूसरी बार तथा बड़कागांव से अपने वरिष्ठ नेता रोशनलाल चौधरी को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है।
उल्लेखनीय है कि बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बनने के बाद से ही भाजपा की सहयोगी रही आजसू इस चुनाव में अकेले चुनाव मैदान में है। इस चुनाव में आजसू ने 52 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।
आजसू के प्रमुख सुदेश महतो भी कहते हैं कि इस चुनाव में आजसू पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतरी है। उन्होंने कहा कि आजसू विकास, स्थानीयता, किसान और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रही है।
उन्होंने कहा, “आजसू वोटों की गिनती के लिए लोगों के बीच नहीं, बल्कि विनती करने जा रही है। झारखंड में शहर नहीं गांव की सरकार बनानी है। ऐसे में झारखंड के स्वाभिमान को लेकर किसी से समझौता नहीं हो सकता।”
गौरतलब है कि बरकट्ठा, हटिया, खिजरी जैसे कई क्षेत्रों में आजसू का मजबूत आधार माना जाता है। इन क्षेत्रों में इसी चरण में मतदान होना है, जहां आजसू ने अपने प्रत्ययाशी उतारे हैं।
वर्ष 2014 के चुनाव में आजसू आठ सीटों पर लड़ी थी और पांच सीटों पर उसने जीत दर्ज की थी।
उल्लेखनीय है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा चुनाव पांच चरणों में हो रहा है। 30 नवंबर और सात दिसंबर को दो चरणों का मतदान संपन्न हो गया है, जबकि 12, 16 और 20 दिसंबर को तीन चरणों का मतदान होना है। मतगणना 23 दिसंबर को होगी।
झारखंड चुनाव: दांव पर है मध्य प्रदेश के इस मंत्री की साख
This post was last modified on December 9, 2019 5:15 PM
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