JNU स्टूडेंट यूनियन के समर्थन में उतरे कई यूनिवर्सिटी के छात्र, मुंबई-कोलकाता समेत कई शहरों में प्रदर्शन

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दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार की शाम जमकर बवाल और मारपीट हुई। रविवार शाम को करीब 50 की संख्या में नकाबपोश गुंडों ने घुसकर जेएनयू छात्र-छात्राओं पर डंडों और अन्य हथियारों से हमला कर दिया। JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष हमले में बुरी तरह घायल हो गईं। इसके साथ-साथ लगभग 40 छात्र और शिक्षक हमले में घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक किसी भी घायल छात्र की हालत गंभीर नहीं है और सभी खतरे से बाहर हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शाम करीब 6:30 बजे लगभग 50 नकाबपोश लोग जेएनयू कैंपस में में घुस आए और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया। इन गुंडों ने कैंपस में मौजूद कारों को भी निशाना बनाया और हॉस्टल में भी घुसकर तोड़फोड़ की। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही। गुंडों ने कवरेज के लिए पहुंचे मीडियकर्मियों के साथ भी मारपीट की। वाम छात्र संगठन और एबीवीपी, दोनों ही एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया है।

जेएनयू में हिंसक घटना के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया , अलीगढ़ यूनिवर्सिटी समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे। कई विश्वविद्यालयों के छात्र और अध्यापक भी अब जेएनयू छात्र संघ के समर्थन में उतर गए हैं। आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। शहर के विभिन्न कॉलेजों के कई छात्र-छात्रा गेटवे ऑफ़ इंडिया पर भी जुटे हुए हैं।

वहीं कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया और अध्यापकों ने भी जेएनयूएसयू के साथ एकजुटता दिखाई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अध्यापक संघ ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

जादवपुर यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव पार्थ प्रतीम रॉय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि जेएनयू में हालात सामान्य करने और हिंसा रोकने के लिए केंद्र और दिल्ली की सरकार तत्काल कार्रवाई करे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर छात्रों और अध्यापकों से इस घटना की निंदा करने की अपील की है। कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI ने जेएनयू में हुई इस हिंसा के विरोध में सोमवार को देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन (एएमयूटीए) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मांग की है कि एबीवीपी के गुंडों और मूकदर्शक रहे पुलिसकर्मियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। एसोसिएशन के सचिव प्रोफेसर नजमुल इस्लाम ने इस घटना में संलिप्त एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा बताते हुए कहा है कि मूकदर्शक रही पुलिस के सामने जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों के साथ एबीवीपी के गुंडों ने जिस तरह से बर्बरता की, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं।उन्होंने केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से इस घटना में संलिप्त एबीवीपी समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


जेएनयू परिसर में हिंसा के बाद पुलिस तैनात

जेएनयू ने हिंसा पर दोबारा जारी किया बयान

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