नई दिल्ली, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सभी अर्धसैनिक बलों के जवानों को ‘एयर कूरियर’ की सुविधा मुहैया कराने के लिए 2018 से निजी विमानन कंपनियों की हिस्सेदारी की तलाश में है, ताकि जब वे छुट्टियों पर जाए तो उनका यात्रा का समय बच सके।
कूरियर सेवा की नोडल एजेंसी के रूप में बीएसएफ ने 21 जनवरी को आठ मार्गो पर एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक ‘विमान उपलब्ध कराने’ के लिए ‘दो बोली’ प्रणाली (तकनीकी और वाणिज्यिक) के अंतर्गत सेंट्रल पब्लिक प्रोक्योरेमेंट (सीपीपी) प्रणाली के माध्यम से एक ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की थी।
बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा ने एयर कूरियर सेवा की बोली प्रक्रिया के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से ई-प्रोक्योरेमेंट टेंडर नोटिस जारी किया था। इसकी शुरुआत 2017 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद हुई।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अगर निजी विमानन कंपनियां बोली प्रक्रिया में भाग लेती हैं तो यह ‘सुविधा और वित्त’ के लिहाज से सैनिकों के साथ-साथ सरकार के लिए भी अधिक फायदेमंद साबित होगा।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, “प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर, हमें उम्मीद है कि जेट एयरवेज और अन्य निजी विमानन कंपनियां बोली प्रक्रिया में भाग लेंगी। आवश्यकता व सुविधा के अनुसार, हम एयर कूरियर सेवा के वार्षिक कामकाज को जारी रखने के लिए सबसे बेहतर बोली लगाने वाली विमानन कंपनी का चयन कर सकते हैं। हम सभी को शामिल करने के लिए तैयार हैं।”
सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए यह सेवा पिछले साल शुरू की गई थी। इस सेवा ने बीएसएफ को उन्हें जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर और दूर-दराज के इलाकों से दिल्ली और इसके अलावा अन्य स्थानों पर लाने-ले जाने में सक्षम बनाया।
एयर इंडिया ने पिछले साल एयर कूरियर सुविधा मुहैया कराई थी, जो जून-जुलाई में शुरू हुई थी। एयर इंडिया को एक साल का अनुबंध मिला था, जो 31 मार्च को समाप्त होना है।
आईएएनएस के पास उपलब्ध बोली प्रक्रिया के अनुसार, बीएसएफ ने कोलकाता-अगरतला-कोलकाता (सप्ताह में पांच दिन व न्यूनतम 144 जवानों की बैठने की क्षमता), कोलकाता-इंफाल-कोलकाता (सप्ताह में तीन दिन व न्यूनतम 144 जवानों की बैठने की क्षमता) और कोलकाता-आइजोल-सिल्चर-कोलकाता (सप्ताह में एक दिन, 144 जवानों की बैठने की क्षमता) मार्ग पर विमान सेवाएं मांगी हैं।
इसके अलावा अन्य मार्गो में श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर (सप्ताह में चार दिन व न्यूनतम 144 जवानों की बैठने की क्षमता), दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली (सप्ताह के सातों दिन, 180 जवानों की बैठने की क्षमता), दिल्ली-डिब्रूगढ़-गुवाहाटी-दिल्ली (सप्ताह में दो दिन, 144 जवानों की बैठने की क्षमता), दिल्ली-लेह-दिल्ली (सप्ताह में दो दिन, 105 जवानों की बैठने की क्षमता) और दिल्ली-रायपुर-जगदलपुर-रायपुर-दिल्ली (सप्ताह में तीन दिन, 60 जवानों की बैठने की क्षमता) शामिल हैं।
मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर और दिल्ली-रायपुर-जगदलपुर-रायपुर-दिल्ली जैसे नए मार्गो को इस साल शामिल किया गया है। इससे पहले जम्मू-दिल्ली-श्रीनगर का मार्ग था।
अधिकारी ने कहा, “जैसा कि बीएसएफ 2012 से अपने सैनिकों को यह सेवा मुहैया करा रही है, उसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के सभी कर्मियों के लिए यह सुविधा बढ़ा दी है। जवानों को यह सुविधा निशुल्क मुहैया कराई जा रही है।”
अधिकारी ने कहा कि इससे उनके मनोबल को तो बढ़ावा मिलेगा ही इसके अलावा छुट्टी पर जाने के दौरान कर्मियों के समय को बचाने के लिए भी यह कदम अपनाया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए यह सेवा साल में दो बार उपलब्ध है। बाद में रक्षा कर्मियों की तर्ज पर परिवार के सदस्यों को भी इस यात्रा में शामिल किया जा सकता है।
इसी तरह की समान एयर कूरियर सेवा रक्षा कर्मियों के लिए पहले से ही उपलब्ध है। रक्षा कर्मी एक वर्ष में तीन बार यात्रा के हकदार हैं। इस सेवा में उनके परिवार के सदस्यों को भी शामिल किया गया था।
जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), बीएसएफ और भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकारी व पुरुष इस सेवा के मुख्य लाभार्थी हैं।
This post was last modified on January 30, 2019 4:53 AM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…