कांवड़ यात्रा के दौरान 30 तक बंद रहेगा दिल्ली-देहरादून राजमार्ग

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मेरठ | सावन के महीने में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा का जोश अपने चरम पर होता है। इसलिए एहतियात के तौर पर दिल्ली और देहरादून को जोड़ने वाले सभी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार से बंद कर दिए गए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रशांत कुमार के अनुसार, हाईवे 30 जुलाई की देर रात तक बंद रहेगा।

शुक्रवार तड़के सरकार हेलीकॉप्टर से मार्ग का हवाई सर्वेक्षण करने मेरठ पहुंचे प्रशांत कुमार ने फोन पर आईएएनएस को बताया, “उत्तर भारत के सबसे व्यस्त राजमार्गों में शुमार दिल्ली-देहरादूनराजमार्ग पर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है जो यातायात को नियंत्रित कर रही है। हम वाहनों को मुख्य जगहों पर रोक रहे हैं।

किसी भी तरह के आतंकी खतरे से बचने के लिए उत्तरी राज्यों की पुलिस द्वारा इस सीजन में अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय किए गए हैं। ताकि शांतिपूर्ण तरीके से कांवड़ यात्रा सुनिश्चित हो।

ड्रोन कैमरा के जरिए आसमान से निगरानी रखी जा रही है। करीब चार करोड़ रुपये की कीमत वाले इस ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसी के साथ हरिद्वार जाने वाले मार्ग पर 57 प्रमुख ट्रैफिक क्रॉसिंग मार्ग पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। वहीं पीएसी (सशस्त्र पुलिस) की 19 कंपनियों को दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर तैनात किया गया है।

एडीजी ने कहा कि अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीपीएमएफ) की छह कंपनियों को विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो सुझाव दिया था, उसे देखें तो हवाई सर्वेक्षण के दौरान एडीजी प्रशांत कुमार हेलीकॉप्टर से भक्तों पर गुलाब की पंखुड़ियों की बौछार करेंगे।

पिछले साल भगवान शिव के 3.50 करोड़ भक्तों ने धार्मिक नगरी हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में स्नान किया था। प्रशांत कुमार ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल भक्तों की संख्या चार करोड़ के पार जा सकती है। राज्य पुलिस और नागरिक प्रशासन चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, ताकि अगले सप्ताह तक यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से पूरी होना सुनिश्चित हो सके।”

गुरुवार रात तक 1.76 करोड़ भक्त पवित्र नदी से जल लाने के बाद हरिद्वार से लौट आए थे। एक अनुष्ठान के रूप में लाखों भक्त गंगा से पवित्र जल लेकर सैकड़ों मील चलते हुए अपने घर तक लेकर जाते हैं। यहां वे स्थानीय शिव मंदिरों में स्थापित शिवलिग पर ‘गंगा जल’ (पवित्र मानी जाने वाली गंगा नदी का पानी) चढ़ाते हैं।

ट्रैफिक डायवर्जन (वाहनों के लिए वैकल्पिक रास्ता) के बारे में बात करते हुए एडीजी कुमार ने आईएएनएस को बताया कि इस समय श्रद्धालुओं द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग मुख्य रूप से उपयोग किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून से दिल्ली जाने वाले वाहनों को देवबंद, रामपुर तिराहा, जानसठ (मुजफ्फरनगर), मवाना और हापुड़ होते हुए दिल्ली पहुंचाया जाएगा। कुमार ने बताया कि पुलिस ने सुझाव दिया है कि अगले दो सप्ताह तक दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा करने के लिए सड़क परिवहन की अपेक्षा रेलमार्ग बेहतर विकल्प होगा।


Shravan 2019: कौन था पहला कांवड़िया? जानें क्या हैं कांवड़ यात्रा के नियम

This post was last modified on July 26, 2019 4:40 PM

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