अक्सर किसी शख्स को उसके जघन्य अपराध के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है। लेकिन मिर्जापुर में एक अनोखा वाकया देखने को मिला है। यहां के एक बंदर को कानपुर के प्राणी उद्यान में उम्र भर रखा जाएगा। दरअसल तीन वर्ष पूर्व मिर्जापुर जिले के आतंक से पूरे इलाके के लोग खौफ खाए हुए थे।
ऐसे में जब बंदर की आदत में कोई सुधार नहीं हुआ तो फिर प्राणी उद्यान के विशेषज्ञों ने उसे ताउम्र पिंजरे में कैद रखने का फैसला किया।कानपुर से वन विभाग की टीम ने एक जनवरी 2017 को बंदर को बंदूक से बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर पकड़ा था। इसके बाद बंदर को कानपुर प्राणी उद्यान की टीम ने अस्पताल परिसर में पिंजड़े में बंद रखा।
इस बंदर को कलुआ नाम दिया गया है। प्राणी उद्यान के अस्पताल में काफी समय तक उसे आइसोलेशन में रखा गया। पिंजड़े में कैद बंदर की हर हरकत और गतिविधियों पर डॉक्टर और विशेषज्ञ नजर रखे थे। तीन वर्ष तक उसके व्यवहार में कोई नरमी या सुधार देखने को नहीं मिला। यहीं वजह रही कि इसके चलते प्राणी उद्यान के डाक्टर और विशेषज्ञ ने उसे ताउम्र पिंजड़े में ही कैद रखने का फैसला लिया।
प्राणी उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ मोहम्मद नासिर ने बताया कि बंदर के पकड़े जाने पर छानबीन में पता चला कि वह मांस खाने, शराब का तगड़ा शौकीन। जिस तांत्रिक ने इस बंदर को पाला था वो उसे शराब देता था।मिर्जापुर का कलुआ बंदर प्राणी उद्यान में बंद था। पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ये बंदर महिलाओं को दूर से ही इशारे कर पास बुलाता था।
बंदर के इशारे देखकर जैसे ही महिलाएं उसके पास पहुंचती थी उन्हें तेजी से काटने के लिए दौड़ता, तमाम कोशिशों के बावजूद बंदर में कोई बदलाव नहीं आया। उसके दांत बहुत धारदार है। दूसरे बंदर के साथ रखने पर ये उन्हें भी काट सकता है। इसलिए इसे छोड़ा नहीं जाएगा। अब ये खूंखार बंदर जिंदगी भर पिंजरे में ही कैद रहेगा।
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