किसान आंदोलन का 54वां दिन : महिलाओं के हाथ आज होगी प्रदर्शन की बागडोर (लीड-1)

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नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। नये कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों का आंदोलन सोमवार को 54वें दिन जारी है। नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर अड़े किसान संगठनों की अगुवाई में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान डेरा डाले हुए हैं। खास बात यह है कि आंदोलनरत किसान आज (सोमवार) किसान महिला दिवस मना रहे हैं और प्रदर्शन की बागडोर आज महिलाओं के हाथों में होगी।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से कहा है कि वो निर्णय ले कि किसानों को दिल्ली के अंदर प्रदर्शन करने देना है या नहीं। पुलिस ने किसानों की ओर से पूर्व घोषित 26 जनवरी पर ट्रैक्टर मार्च निकालने पर रोक लगाने की मांग की थी।

हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उनका ट्रैक्टर मार्च शांतिपूर्ण होगा और सरकार जहां मार्च करने की अनुमति देगी वे वहीं ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेकेट्ररी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने आईएएनएस से कहा कि मंगलवार को सरकार के साथ किसान नेताओं की होने वाली बैठक में भी सरकार के सामने वे अपनी मांग रखेंगे।

हरिंदर सिंह ने कहा, आज सभी प्रदर्शन स्थलों पर मंचों का संचालन महिला किसान ही करेंगी। आज आंदोलन की बागडोर महिलाओं के हाथों होगी।

किसान नेता कृपा सिंह मुख्य प्रदर्शन स्थल सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि खेतीबारी का काम संभालने वाली महिलाएं आज आंदोलन की अगुवाई करेंगी। किसान नेताओं ने बताया कि पूरे देश में किसान महिला दिवस मनाया जा रहा है।

कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार लाने के मकसद से केंद्र सरकार ने कोरोना काल में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 लाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बहरहाल इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है और मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया।

हालांकि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार ने वार्ता का मार्ग भी खुला रखा है और इस क्रम में अगले दौर की वार्ता 19 जनवरी को विज्ञान भवन में होने जा रही है। अगले दौर की वार्ता से पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान यूनियनों से नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के अलावा अन्य विकल्प सुझाने का आग्रह किया है।

–आईएएनएस

पीएमजे-एसकेपी

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