नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। देश की राजधानी दिल्ली में एक दिव्यांग व्यक्ति ने संकट की इस घड़ी में अन्य दिव्यांग व्यक्तियों और विधवा महिलाओं की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की। लॉकडाउन के दौरान इन्होंने इन सभी की मदद राशन देकर की। इनका मानना है कि पैसा आखिर कब तक किसी का पेट भरेगा, इसलिए वह सिर्फ राशन देकर लोगों की मदद करते हैं।
दिल्ली के रहने वाले फराज खान खुद एक दिव्यांग हैं और इनका कहना है कि ‘मैं खुद जनता हूं कि हम लोग किस तरह जिंदगी जीते हैं। जिसके बाद मैंने अन्य विकलांग व्यक्तियों की मदद करने का सोचा।’
फराज ने गौतमबुद्धनगर से सोशल वर्क की पढ़ाई की और एक साल एक एनजीओ में भी काम किया है।
फराज ने दिव्यांग लोगों और विधवाओं की जरूरत को पूरा करने के लिये स्थानीय प्रशासन और स्थानीय निजी एनजीओ की मदद ली। जब लोगों को इस बात का पता लगा तो उन्हें मदद के लिये रोजाना फोन और मैसेजेस आने लगे।
फराज ने आईएएनएस को बताया, “20 अप्रैल से मैंने मदद करने की शुरुआत की थी। हमने अब तक 140 विकलांग बच्चों और 150 के करीब विधवा महिलाओं को राशन और न्यूट्रिशन दिया है।”
उन्होंने कहा, “हर एक की मदद कर पाना बहुत मुश्किल है, इसलिए हमने शुरुआत में दो लक्ष्य बनाये। एक दिव्यांग लोगों की मदद और दूसरा विधवाओं की मदद के लिये। लेकिन मेरे लिये पहले दिव्यांग व्यक्ति थे क्योंकि मैं खुद एक दिव्यांग हूं। मैं जानता हूं रोजाना हम किन दर्द से गुजर रहे होते हैं। जिसके बाद फिर हमने विधवा महिलाओं की मदद की क्योंकि हमने देखा की वो भी परेशान थे।
उन्होंने बताया, “मैं किसी भी जरूरतमंद को पैसा नहीं देता, क्योंकि पैसा किसी की भूख नहीं मिटाता, पैसा सिर्फ भूख बढ़ाता है। मुझे भी राशन ही मिलता है, पैसा नहीं मिलते। पैसा आखिर कब तक किसी का पेट भरेगा।”
फराज ने कहा, “दिल्ली के ओखला इंडस्ट्रियल एरिया में हमने 100 से ज्यादा लोगों को राशन दिया। नरेला और पालम में हमने 70 से ज्यादा लोगों को राशन दिया है। ये कुल 170 लोग वो हैं जो कि एक-एक रोटी के लिये मोहताज थे। हमें इनकी जानकारी स्थानीय संस्थानों ने दी क्योंकि उन्हें ही जमीनी हकीकत के बारे में ज्यादा पता होता है।”
दिल्ली के रहने वाले प्रमोद कुमार ने आईएएनएस को बताया, “पिछले महीने हमें राशन दिया गया। उसके बाद हाल ही में राशन खत्म हुआ है। मैं फिर से नम्बर मिला रहा हूं ताकि हमारी फिर से मदद हो जाए।”
दिल्ली के हाजी कॉलोनी में रहने वाले अनवर ने आईएएनएस को बताया, “मेरे परिवार में 4 सदस्य हैं और विकलांग होने की वजह से मुझे भीख मांगनी पड़ती है। इन लोगों ने मुझे कुछ वक्त पहले राशन मुहैया कराया था।”
–आईएएनएस
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