उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे प्रशासनिक अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। दरअसल, पुलिस ने एक कोरोना पॉजिटिव शख्स की मौत की गलत सूचना उसके पिता को दे दी। फोन पर ये जानकारी दी गई कि अस्पताल में भर्ती उनके बेटे की कोरोना से मौत हो गई है और कुछ ही देर बाद मृतक का शव सील पैक कर उसके घर भेज दिया गया। रात भर घरवाले और गांव वाले मातम मनाते रहे। लेकिन सुबह जब अंतिम संस्कार से पहले पिता ने युवक का शव जलाने से पहले बेटे का चेहरा देखा तो सबके होश उड़ गए। पता चला कि मृतक उसका बेटा ही नहीं है, बल्कि वह दूसरे कोरोना मरीज का शव था।
ये पूरा मामला महुली थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव का है। इसी गांव का 28 वर्षीय युवक अपने 22 वर्षीय छोटे भाई के साथ मुंबई में रहता था। लॉकडाउन के दौरान बड़ा भाई 13 मई और छोटा भाई 16 मई को ट्रक से मुंबई से लौटा थे। ट्रांजिट सेंटर खलीलाबाद में थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद दोनों भाइयों को घर पर क्वारंटीन कर दिया गया। इधर बड़े भाई को बुखार हुआ था तो सोमवार सुबह उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया। वहां से उसे बस्ती के कैली अस्पताल रेफर कर दिया गया। सोमवार रात करीब 11 बजे पुलिस ने घरवालों को सूचना दी कि बस्ती के कैली में भर्ती युवक की मौत हो गई और उसका शव आपके घर पर भेजा जा रहा।
पुलिस ने परिवार को बताया कि मृतक की की अंत्येष्टि के लिए बिड़हर घाट पर पहुंचना है। वहीं, बेटे की मौत की ख़बर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत शव का अंतिम संस्कार करने के लिए युवक के पिता और उसके तीन भाइयों को पीपीई किट उपलब्ध करवाई गई। शोकाकुल पिता अपने दूसरे बेटे के साथ, अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा और शव का अंतिम संस्कार करने से पहले सील बैग को तोड़ा और शव का चेहरा देखा तो उसके होश उड़ गए। इसके बाद उसने अधिकारियों को जानकारी दी और शव लेने से मना कर दिया।
वहीं एएसपी असित श्रीवास्तव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर चूक से यह गड़बड़ी हुई। बाद में पता चला कि यह शव धर्मसिंहवा क्षेत्र के महादेवा नानकार गांव के 45 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव का था। उसके घर सूचना देने की बजाय गलत जगह सूचना दे दी गई। डीएम रवीश गुप्ता ने कहा कि महुली क्षेत्र के मथुरापुर गांव के जिस युवक को मृत बताया गया, वह बस्ती जनपद के कैली अस्पताल में जीवित है। उसका उपचार चल रहा है। पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी।
दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग भी पूरे मामले से खुद को बचाने की कोशिश में लगा हुआ, और इसे महज़ कंफ्यूजन वाली बात कहकर मामले को हल्के में लेकर जांच कराने की बात कर रहा है। डिप्टी सीएमओ डॉक्टर मोहन झा का कहना है कि अभी इस पर जांच चल रही है। इसके लिए एक टीम गठित की गई है। लेकिन कभी कभी कन्फ्यूजन हो जाता है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 75 हो गई है। जबकि छह संक्रमित की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को आई रिपोर्ट में छह नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें चार लोग बखिरा इलाके के पौनी गांव के संक्रमित के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। जबकि एक युवक महुली और दूसरा धनघटा इलाके का रहने वाला है।
This post was last modified on May 28, 2020 6:09 PM
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