कोरोना वायरस: लालू यादव को मिल सकती है बड़ी राहत, जेल से छूट सकते हैं RJD सुप्रीमो

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कोरोना वायरस का कहर देशभर में तेजी से फैल रहा है। झारखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इस महामारी को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण को रोकने और जेलों में ह्यूमन डिस्टेंसिंग (Human Distancing) बनाये रखने के लिए कैदियों की भीड़ को कम करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

कोरोना के खतरे को देखते हुए जेलों में बंद कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का फैसला लिया जा रहा है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि रांची के होटवार जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी बड़ी राहत मिल सकती है और वह जेल से बाहर आ सकते हैं।

कोरोना वायरस: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को जेलों में भीड़ कम करने को कहा

सूत्रों की मानें तो झारखंड सरकार लालू प्रसाद को पैरोल देने पर विचार कर रही है। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर भी लालू यादव को कोरोना को लेकर पैरोल दिया जा सकता है। राज्य सरकार के मंत्री बादल ने इस बात की पुष्टि भी की है। बादल के मुताबिक पैरोल को लेकर राज्य सरकार ने कारा विभाग से बातचीत की है। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए जेल प्रशासन को सजायाफ्ता कैदियों के पैरोल देने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया था।

राबड़ी देवी ने झारखंड सरकार से लगाई गुहार

गौरतलब है कि लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी इस मामले में झारखंड सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते अन्य राज्यों में कैदियों को छोड़ा जा रहा है तो झारखंड सरकार को भी राजद प्रमुख और चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू प्रसाद को छोड़ देना चाहिए।

राबड़ी देवी ने कहा कि इसके लिए वह झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से बात करेंगी। हेमंत सोरेन से आग्रह करेंगी कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 17 मार्च को अधिकतम सात साल की सजा पाए ज्यादा उम्र वाले कैदियों, खासकर बीमार रहने वालों को जेल से रिहा करने के निर्देश दिए हैं, लोग रिहा किए जा रहे हैं तो लालू प्रसाद को क्यों जेल में रखा गया है। राबड़ी ने कहा कि लालू प्रसाद कोरोना से डरे नहीं हैं। लेकिन उनकी उम्र अधिक है और वे मधुमेह, किडनी समेत कई बीमारी से ग्रसित हैं। ऐसे में उन्हें रिहा कर देना चाहिए।

बता दें कि 6 जनवरी 2018 को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को चारा घोटाला के एक मामले में साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वे जेल में हैं। वैसे इससे पहले भी वे इस घोटाले में सजा काट चुके हैं। कांग्रेस भी जेल में लालू को कोरोना संक्रमण का खतरा बता उनकी रिहाई की मांग कर चुकी है। कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने पिछले दिनों कहा था कि कोरोना संक्रमण और लालू के गिरते स्वास्‍थ्‍य को देखते हुए उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाना चाहिए। लालू की उम्र भी 72 साल से ज्यादा हो चुकी है।


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