10 जनवरी को साल 2020 का पहला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse 2020) लगने जा रहा है। यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) या मांद्य चंद्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) शुक्रवार 10 जनवरी की रात 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर रात के 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। आइए जानते हैं क्या होता है ये मांद्य या उपच्छाया चंद्र ग्रहण, ग्रहण का सूतक काल और कहां -कहां दिखाई देगा यह चंद्र ग्रहण।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण वो ग्रहण होता है जो पूर्ण ग्रहण और आंशिक ग्रहण के मुकाबले काफी कमजोर होता है। इस ग्रहण को लोग साफतौर पर नहीं देख सकते। इसे ही मांद्य यानी मंद पड़ने की क्रिया भी कहते हैं। 10 जनवरी को होने वाले ग्रहण में चंद्रमा का छवि धूमिल होती प्रतीत होगी। चंद्रमा का करीब 90 प्रतिशत भाग मटमैला जैसा हो जाएगा। इस क्रिया में चंद्रमा का कोई भी भाग ग्रस्त नहीं होगा जिस कारण से ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा।
यह ग्रहण भारत, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा। ज्योतिष नजरिए से देखा जाए तो यह चंद्र ग्रहण मिथुन राशि के पुनर्वसु नक्षत्र में घटित होगा।
चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है, लेकिन 10 जनवरी को लगने वाले चंद्र ग्रहण में सूतक का प्रभाव नहीं रहेगा। भारतीय ज्योतिशास्त्र और पंचांग के अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण को चंद्र ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। यही कारण है कि शुक्रवार, 10 जनवरी को लगने वाले इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल नहीं होगा। इस अवधि में सभी तरह के धार्मिक कार्यों की मनाही होती है, परंतु इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा जिस वजह से सभी तरह के धार्मिक कार्य भी संपन्न होंगे और मंदिरों के कपाट भी खुले रहेंगे।
आपको बता दें कि साल 2020 में छह ग्रहण लगेंगे, जिसमें चार चंद्रग्रहण और दो सूर्यग्रहण होंगे। इनमें एक सूर्यगहण व एक चंद्रग्रहण भारत में नहीं देखा जाएगा। 10 जनवरी 2020 दिन शुक्रवार को पहला चंद्रग्रहण है। वहीं दूसरा चंद्रग्रहण 5 जून, तीसरा 5 जुलाई तथा चौथा व अंतिम 30 नवंबर को लगेगा। जनवरी, जून एवं नवंबर का चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा, वहीं 05 जुलाई वाला भारत में दिखाई नहीं देगा। नए साल में पहला सूर्यग्रहण 21 जून को लगेगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा, जो भारत में नहीं दिखेगा।
असल में यह एक खगोलीय घटना होती है। चंद्र ग्रहण उस खगोलिय घटना को कहा जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। वहीं, सूर्य ग्रहण तब माना जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता।
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