महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, शिवसेना ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

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Maharashtra Government Formation: महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर संशय की स्थिति बरक़रार है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा कर दी है। इसी बीच शिवसेना ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में शिवसेना ने मांग की है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस आदेश को रद्द किया जाए जिसमें उन्होंने शिवसेना को समर्थन पत्र जमा करने के लिए तीन दिनों का समय देने से इनकार किया था।

इसके अलावा शिवसेना ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को आदेश दे कि शिवसेना को समर्थन जुटाने के किये उचित मोहलत दिया जाए। शिवसेना ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि राज्यपाल के उस आदेश को रद्द किया जाए जिसमें उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना के दावे को खारिज कर दिया था। शिवसेना की ओर से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और देवदत्त कामत सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं।

शिवसेना की मांग- याचिका पर आज ही हो सुनवाई

शिवसेना के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में दरख्वास्त की है कि उनकी याचिका पर आज ही सुनवाई की जाए। इसके साथ ही पार्टी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को भी चुनौती देने के लिए अलग से याचिका तैयार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने अभी तक शिवसेना के वकीलों को ये नहीं बताया है कि उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई का फैसला लिया गया है या नहीं।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार पर सस्पेंस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। पीएम मोदी आज ब्राजील के लिए रवाना हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। हालांकि अभी साफ नहीं है कि इस बैठक में क्या फैसला लिया गया, लेकिन सूत्रों की मानें तो मोदी कैबिनेट महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने पर फैसला लेगी और कैबिनेट की अनुशंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजेगी।

इससे पहले महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र और कानूनविदों से हालात पर कानूनी सलाह ली। वहीं, अगर महाराष्ट्र के राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाते हैं, तो शिवसेना सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर कपिल सिब्बल और अहमद पटेल से बात की है। सिब्बल से बातचीत के बाद ही उद्धव ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल शिवसेना की ओर से पक्ष रख सकते हैं।

शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्यपाल एनसीपी को दिए गए समय से पहले राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?

बता दें कि शिवसेना नेताओं ने सोमवार की शाम राज्यपाल से भेंट कर संख्या बल जुटाने के लिए तीन दिन की मोहलत मांगी थी। लेकिन राज्यपाल ने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद अब राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। राज्यपाल द्वारा एनसीपी को दी गई मोहलत भी आज रात 8:30 बजे समाप्त हो जाएगी।


महाराष्ट्र में सरकार गठन पर चर्चा के लिए एनसीपी की बैठक

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सोनिया ने शरद पवार से बात की

This post was last modified on November 12, 2019 4:35 PM

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