पाकिस्तान: छात्रा की मौत की गुत्थी अनसुलझी, हिंदू समुदाय का कई जगह प्रदर्शन

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पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना की मेडिकल छात्रा निमृता मीरचंदानी की रहस्यमय हालात में हुई मौत की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। कई तरह के कानूनी पेंच मामले में सामने आते जा रहे हैं। इस सबके बीच, छात्रा को इनसाफ दिलाने की मांग को लेकर हिंदू समुदाय ने सिंध में कई जगह प्रदर्शन किया।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, निमृता की हत्या का आरोप और दोषियों को सजा देने की मांग के साथ सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय के सदस्यों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया। शहदादकोट नामक जगह पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने धरना देकर निमृता के लिए इनसाफ की मांग की। खैरपुर में समुदाय ने अपना कारोबार बंद रखकर प्रदर्शन किया। मोरो और घावर नामक जगहों पर हिंदू समुदाय और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने रैली निकालकर विरोध जताया।

दूसरी ओर, शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल कॉलेज व विश्वविद्यालय के डेंटल कॉलेज की छात्रा निमृता मीरचंदानी की मौत के मामले में कानूनी पेचीदगियां बढ़ती जा रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छात्रा के परिजनों ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने से इनकार कर दिया है। ‘जंग’ अखबार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निमृता के भाई डॉक्टर विशाल ने कहा है कि वह न्यायिक जांच रिपोर्ट आने से पहले अपनी बहन की हत्या या आत्महत्या के मामले में मुकदमा दर्ज नहीं कराएंगे। वह न्यायिक जांच रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मसूद बंगश ने बताया कि निमृता के घरवालों ने प्राथमिकी दर्ज कराने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस सिंध की हिंदू पंचायत के जरिए कुमारी के घरवालों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए राजी करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से मामले में कानूनी पेचीदगी पैदा हुई है और जांच पर असर पड़ा है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि निमृता मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट के आने तक पुलिस भी खुद से मामला नहीं दर्ज करेगी। यह रिपोर्ट आने के बाद भी अगर छात्रा के घरवालों ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई तो फिर यह काम पुलिस करेगी।

पुलिस का कहना है कि मामले में बिना रिपोर्ट दर्ज हुए दो छात्रों को पुलिस ने हिरासत में रखा हुआ है। पुलिस का कहना है कि ऐसी स्थिति में इन दोनों को अधिक समय तक हिरासत में रखने से कानूनी दिक्कतें आ सकती हैं।

इन छात्रों में से एक मेहरान अबरो ने पुलिस को बताया कि उसकी और निमृता की घनिष्ठ मित्रता थी और निमृता उससे शादी करना चाहती थी लेकिन उसने मना कर दिया था।

उधर, न्यायिक जांच की राह में भी रोड़ा आता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लरकाना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश निमृता की मौत के मामले की जांच में हिचकिचा रहे हैं। ‘डॉन’ की रिपोर्ट में लरकाना जिले की पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी देते हुए यह भी कहा गया कि एक सूत्र ने बताया कि न्यायाधीश ने जांच से सिरे से मना ही कर दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायाधीश का मानना है कि सिंध के गृह मंत्रालय ने उनसे सीधे मामले की जांच करने का आग्रह किया है जबकि यह आग्रह सिंध हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की तरफ से आना चाहिए था।


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