World Tourism Day 2020: खूबसूरत पहाड़ों और झरनों से घिरा है मिर्ज़ापुर, घूमने के लिए है एक से बढ़कर एक जगह

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World Tourism Day 2020: एक बेहद प्रसिद्ध वेब सीरीज है जिसका शायद पूरा देश दीवाना है ‘मिर्ज़ापुर’ (Mirzapur)। मनोरंजन के हिसाब से वेब सीरीज शानदार थी। सीरीज के किरदार शानदार थे। मनोरंजन से इतर हट कर देखें तो ये सीरीज मिर्ज़ापुर की छवि धूमिल करती है।मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश का एक जिला है।

जो मिर्ज़ापुर को नहीं जानता वो इसकी यही छवि बनाएगा कि यहां गुंडई चाप के होती है, कट्टे का व्यापार चरम पर होता है। मगर इन सब से इतर मिर्ज़ापुर की कुछ वास्तविक छवि है जिसे कम लोग जानते हैं।

मिर्ज़ापुर विंध्य पहाड़ियों से घिरा हुआ है वही विंध्य पहाड़ जहां मां विंध्यवासिनी, मां अष्टभुजा और माता काली का दिव्य मंदिर है। इस मंदिर में हर साल नवरात्र में 9 दिन तक लगभग 5 लाख श्रद्धालु रोज़ मत्था टेकते हैं। पूरे भारत से लोग इस मंदिर में आते हैं। मिर्ज़ापुर अंग्रेजो के समय से ही व्यापार का केंद्र रहा है। मिर्ज़ापुर में असल व्यापार कट्टे का नहीं कालीन और पीतल के बर्तनों का होता है।

पीतल के बर्तनों के लिए मिर्ज़ापुर चर्चित है। चुनार का बलुआ पत्थर मिर्ज़ापुर से भारत के हर हिस्से में जाता है। लोक कला की एक विधा है कजरी गीत जो की सावन और भादो महीने में गाई जाती है। यह गीत भारत में केवल तीन ही स्थान पर गाया जाता है। गोरखपुर, बनारस और मिर्ज़ापुर। पहाड़ और झरनों से घिरा हैमिर्ज़ापुर। पर्यटन के नजरिए से बेहद खूबसूरत है मिर्ज़ापुर।

विश्व में हर साल 27 सितंबर को ‘विश्व पर्यटन दिवस’ (World Tourism Day 2020) मनाया जाता है। यह इसलिए मनाया जाता है कि ताकि विश्व में लोग पर्यटन को लेकर जागरुक हो सकें। पर्यटन अलग अलग जगहों के बारे में वहां की संस्कृति के बारे में, वहां के रहन सहन के बारे में, वहां के खान पान के बारे में, वहां की भौगोलिक स्थिति जानने में बेहद मदद करता है।

साल 1980, 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘विश्‍व पर्यटन दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि इसी दिन 1970 में ‘विश्व पर्यटन संगठन’ का संविधान स्वीकार किया गया था।

हर बार विश्व पर्यटन दिवस का कोई न कोई थीम होता है। इस बार यह थीम है ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास’। इस बार यह थीम इसलिए रखी गई है ताकी ग्रामीण समुदायों को केंद्रीत करके ग्रामीणों को रोजगार तथा आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान किया जा सके।

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आपको बताते हैं मिर्जापुर के कुछ खास पर्यटन स्थल।

चुनार किला

यह किला कैमूर पर्वत की उत्तरी दिशा में स्थित है। यह गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर बसा है। यह किला एक समय हिंदू शक्ति का केंद्र था। हिंदू काल के भवनों के अवशेष अभी तक इस किले में हैं, जिनमें महत्वपूर्ण चित्र अंकित हैं।

इस किले में आदि-विक्रमादित्य का बनवाया हुआ भतृहरि मंदिर है जिसमें उनकी समाधि है। किले में मुगलों के मकबरे भी हैं। अगर आपको ऐतिहासिक जगहों पर घूमना पसंद है तो आप यहां जा सकते हैं।

टांडा फॉल

बारिश के मौसम में मिर्ज़ापुर घूमने के नज़रिए से अच्छा हो जाता है। यहां के पहाड़ हरे भरे हो जाते हैं। यहां के झरनों में पानी भी खूब आ जाता है। टांडा फॉल घूमने के लिहाज से बढ़िया जगह है। हर साल यहां लाखों पर्यटकों की भीड़ लगती है।

विंध्याचल मंदिर

अगर आपको पहाड़ों की सैर पसंद है तो आप यहां जा सकते हैं। मां विध्यवासिनी का धाम , मां अष्टभुजा का धाम और मां काली का धाम तीनों ही पहाड़ों पर स्थित है। इन तीनो माताओं के मंदिर का त्रिकोण करना शुभ माना जाता है। विंध्याचल पहाड़ से नज़ारा बेहद खूबसूरत लगता है।

विंधाम फॉल

यह फॉल भी घूमने के लिहाज से खूबसूरत जगह है। यहां भी हर साल लाखों दर्शकों की भीड़ लगती है। मिर्जापुर में ऐसे कई वाटरफॉल हैं। छोटे बड़े मिलाकर यहां लगभग 50 झरने हैं।

 

 

कैसे जाएं मिर्ज़ापुर

वायु मार्ग
अगर आपको हवाई रास्ते से मिर्ज़ापुर जाना है तो निकटतम हवाई अड्डा बाबतपुर (वाराणसी विमानक्षेत्र) है। मिर्जापुर से वाराणसी की दूरी 60 किलोमीटर है। दिल्ली, आगरा, मुम्बई, चेन्नई, बंगलौर, लखनऊ और काठमांडू आदि से वायुमार्ग द्वारा मिर्जापुर पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग
अगर आप रेल मार्ग से यहां पहुंचना चाहते हैं तो यह शहर रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनें जैसे कालका मेल, पुरूषोतम एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, गंगा ताप्‍ती, त्रिवेणी, महानगरी एक्सप्रेस, हावड़-मुम्बई, संघमित्रा एक्सप्रेस आदि द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग
मिर्जापुर सड़कमार्ग द्वारा पूरे भारत से जुड़ा हुआ है। लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, दिल्ली और कलकत्ता आदि जगह से सड़कमार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता हैं। (जौनपुर से भदोही वाया मीरजापुर) ग्रांड ट्रंक रोड (शेरशाह सूरी रोड) जो वाराणसी से लेकर कन्याकुमारी तक जाती है जिसे मिर्ज़ापुर के बाद रीवां रोड के नाम से भी जानते हैं। मिर्ज़ापुर का दक्षिणी छोर मध्यप्रदेश को भी जोड़ता है।

This post was last modified on September 27, 2020 10:34 AM

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