मप्र में कोरोना पॉजिटिव कर्मचारी अस्पताल में और लगा दी ड्यूटी

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संदीप पौराणिक

भोपाल, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश को लेकर हमेशा से ही एक स्लोगन चर्चा में रहा है ‘एमपी अजब है सबसे गजब है’ और गाहे-बगाहे ऐसा ही कुछ सामने आता भी रहता है। कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का आदेश जारी कर दिया है जो कोरोना पॉजिटिव तो है ही अस्पताल में भी भर्ती है। वहीं विभाग इस पर सफाई दे रहा है कि स्वस्थ होने के बाद ही काम पर लौटने की बात कही गई है।

राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीजों में बड़ी संख्या स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के कर्मचारियों की है। स्वास्थ्य विभाग से नाता रखने वाले चार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं इसके अलावा 70 से ज्यादा कर्मचारियों को कोरोना ने बीमार किया है। इनमें से कई कर्मचारियों का चिरायु चिकित्सालय सहित अन्य अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

राज्य स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव एलएन शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि “विभाग के 70 से ज्यादा कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं और बड़ी संख्या में कर्मचारियों को क्वारंटाइन किया गया है। इतना ही नहीं सात कर्मचारी ऐसे हैं जो अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी ड्यूटी लगा दी गई है। ”

चिरायु अस्पताल में इलाज करा रहे स्वास्थ्य संचालनालय के सहायक सांख्यिकी अधिकारी (एएसओ) विनोद सूरी ने आईएएनएस से कहा, “वे चिरायु अस्पताल में इलाज करा रहे हैं और उन्हें पता चला है कि उनकी ड्यूटी लगा दी गई है। जब वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे, उसके बाद उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन भी रहना होगा और जब दोबारा नेगेटिव रिपोर्ट आएगी उसके बाद ही ड्यूटी पर जा सकेंगे, मगर विभाग ने तो सोमवार को सूची जारी कर उनकी ड्यूटी लगा दी है। विभाग को पता ही नहीं है कि कौन कर्मचारी बीमार है। आदेश में यह जरूर लिखा है कि जो लोग कोरोना निगेटिव हों वे ही ड्यूटी पर आएं, यह तो बचाव के लिए है अफसरों का।”

वहीं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त संचालक और आयुष्मान भारत योजना की कार्यपालन अधिकारी सपना लोवंशी का कहना है, “कर्मचारियों की ड्यूटी वाली बात है तो आदेश में साफ कहा गया है कि जो कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं या क्वारंटाइन में हैं, वह ड्यूटी पर रिपोर्ट निगेटिव आने अथवा पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही आएं, मगर आदेश में कहीं गई इस बात पर कोई गौर नहीं कर रहा है। बस यही प्रचारित किया जा रहा है कि बीमारों की ड्यूटी लगा दी गई।”

उनका आगे कहना है, “स्वास्थ्य सेवाएं अतिआवश्यक सेवा है, कई कर्मचारी ऐसे है जिनकी तीन-तीन बार कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है मगर वे ड्यूटी पर नहीं आ रहे है।”

जन जन स्वास्थ्य अभियान के सह संयोजक अमूल्य निधि का कहना है, “सरकार और विभाग के पास सूची उपलब्ध होनी चाहिए कि कितने कोविड-19 मरीज है, कितने क्वारंटाइन हैं। इसके अलावा कितने संदिग्ध हैं, जिनका सैंपल लिया गया है अथवा सैंपल लिया जाने वाला है और क्वारंटाइन में जो हैं उनकी यह अवधि कब खत्म हो रही है। स्वास्थ्य कर्मचारी जिस जगह पर भी पदस्थ हैं उनका अभी तबादला न किया जाए, क्योंकि वह इन तीनों प्रकरणों की सूची में कहीं न कहीं आ रहे हैं।”

–आईएएनएस

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