भोपाल| मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में आए 11 माह का वक्त गुजर गया है। सरकार और पार्टी नेताओं का जमीनी स्तर पर कितना और किस तरह का असर है, यह जानने के साथ ही पार्टी हाईकमान तमाम नेताओं की कुंडली भी तैयार करने में जुट गई है, ताकि उसके अनुरूप लोगों को पद और जिम्मेदारियां सौंपी जाएं और आगे की रणनीति बनाई जाए।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेताओं की वास्तविक जमीनी पकड़ का पता लगाने के लिए पार्टी ने 50 से ज्यादा समन्वयकों को मैदान में उतारा है। ये समन्वयक राज्य सरकार की योजनाओं के जमीनी असर की वास्तविकता का पता करने के साथ ही कांग्रेस के प्रति लोगों के नजरिए को भी करीब से जानेंगे।
MP: भाजपा ने बिछाई बिसात, सिंधिया समर्थक विधायकों पर पैनी नजर
सूत्रों के अनुसार, राज्य के नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर पार्टी में मंथन का दौर जारी है, वहीं उसके बाद बड़े पैमाने पर जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इसके साथ ही निगम, मंडलों के अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है। दावेदार बड़ी संख्या में हैं, उनमें कई ऐसे हैं, जो पाला बदलकर आए हैं। पिछले दिनों पार्टी से यह चूक हो चुकी है कि भाजपा से आए नेता को जिम्मेदार पद पर बैठा दिया गया था, बाद में किरकिरी होने पर उसे हटाया गया।
पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार, समन्वयकों को लगभग हर जिले में भेजा गया है, वे पार्टी के नेताओं से संवाद और संपर्क में तो हैं ही, साथ में निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से भी वे बात कर रहे हैं। ये समन्वयक हर इकाई के पदाधिकारी की पार्टी के प्रति निष्ठा, कार्यशैली और कार्यकर्ताओं में पकड़ का आकलन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, यह भी पता लगाया जा रहा है कि राज्य में भाजपा की सरकार के मौके पर उसने पार्टी के लिए किस तरह से काम किया।
UP: समाजवादी आवास योजना के मकान कम दामों में बेंचने की कवायद
पिछले दिनों राजधानी में प्रदेश प्रभारी बावरिया की मौजूदगी में बुलाई गई जिलाध्यक्षों की बैठक में कई नेताओं ने जमकर अपनी भड़ास निकाली थी और सरकार के कई मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं पर जमकर हमले भी बोले थे। उस दौरान यह बात साफ हो गई थी कि निचले स्तर का पदाधिकारी संतुष्ट नहीं है। इसी के बाद पार्टी ने जमीनी स्तर से ‘फीडबैक’ जुटाने की कार्रवाई तेज कर दी।
सूत्रों का कहना है कि राज्य की कांग्रेस इकाई में दिसंबर के अंत में ही प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय हो सकता है और निगम, मंडल अध्यक्षों की चयन की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। प्रदेश अध्यक्ष के नाम का फैसला जहां हाईकमान को करना है, वहीं निगम, मंडल अध्यक्षों का चयन समन्वयकों की रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा।
This post was last modified on November 26, 2019 6:54 PM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…