भोपाल, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के शहडोल और सागर में हुई नवजात शिशुओं की मौत से सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सवालों के घेरे में आ गई है। कांग्रेस ने इन घटनाओं को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। वहीं सरकार की तरफ से अधिकारियों को स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
शहडोल जिले में बीते 10 दिनों में 13 बच्चों की मौत हुई है। इनमें अधिकांश बच्चे कुछ दिन से लेकर कुछ माह के थे। इन बच्चों की मौत की वजह निमोनिया बताया गया। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों की हो रही मौतों को संज्ञान लेते हुए जबलपुर से जांच दल शहडोल भेजा था। नवजात शिशुओं की हो रही मौत का कारण प्री-मेच्योर डिलिवरी रही है।
कांग्रेस ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए और इसकी जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई। इस समिति के सदस्य सुभाष गुप्ता ने बताया कि अस्पताल अच्छा है, उपकरण भी हैं, मगर बच्चों को स्तरीय दवाएं नहीं दी गईं। यही कारण रहा कि बच्चे अस्पताल आए और उनकी सेहत सुधरने की बजाय बिगड़ती गई और दस दिन में 13 बच्चों की मौत हुई। बीते एक साल का रिकार्ड अस्पताल की बदहाली की गवाही दे रहा है। यहां औसतन हर रोज एक बच्चे की मौत होती है।
शहडोल के संभागायुक्त नरेश पाल ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज शहडोल में शीघ्र ही गहन शिशु चिकित्सा इकाई शुरू की जा रही है, वहीं शिशु चिकित्सा इकाई शुरू करने के लिए निर्धारित कक्षों का अवलोकन किया तथा कक्षों में गहन शिशु चिकित्सा इकाई शुरू करने के लिए सभी सुविधाओं का विस्तार करने के निर्देश दिए।
कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं कि सभी चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी, पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने कार्यस्थल में उपस्थिति की सेल्फी लेकर प्रतिदिन व्हट्सअप करेंगे, जिसकी जिला स्तर पर प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाएगी।
शहडोल में नवजात शिशुओं की मौत हुई है, वहीं सागर भी इस मामले में पीछे नहीं है। बीते तीन माह में यहां 92 बच्चों की मौत की बात सामने आई है। सागर संभाग के कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने कहा है कि नवजात शिशुओं की मृत्युदर में कमी लाने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएं। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए चिकित्सकों, दवाओं और उपकरणों की कमी नहीं होने दी जाए।
उन्होंने अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) और बाल गहन चिकित्सा ईकाई (पीआईसीयू) में उपलब्ध उपकरणों- एक्सरे, सीटी स्कैन और सोनोग्राफी मशीन की जानकारी ली। कमिश्नर ने दोनों शिशु रोग वार्डो में उपकरणों की माकूल व्यवस्था बनाए रखने तथा जरूरत होने पर उपकरण खरीदने के निर्देश भी दिए।
–आईएएनएस
एसएनपी/एसजीके
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…