नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)| बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक बालिका आश्रय गृह में कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर को यहां की एक अदालत ने मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने 20 जनवरी को ठाकुर और नौ महिलाओं समेत 19 आरोपियों को दोषी ठहराया था।
बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ठाकुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(दुष्कर्म), 376 डी(सामूहिक दुष्कर्म), 323(जानबूझकर चोट पहुंचाना), 120बी(आपराधिक साजिश) और 109(उकसाने) के मामले में दोषी ठहराया गया है।
उसे पोक्सो अधिनियम की धारा 16 और 17 के तहत और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के अंतर्गत भी दोषी ठहराया गया था।
मामला ठाकुर के सरकार द्वारा वित्तपोषित एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति से जुड़ा हुआ है, जहां कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाओं को टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान(टीआईएसएस) के छात्रों ने उजागर किया था।
मामले में ठाकुर मुख्य आरोपी था।
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