Indian Navy Day 2019: नौसेना दिवस (Indian Navy Day) प्रत्येक साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन भारतीय नौसेना या जलसेना के जांबाजों को याद किया जाता है। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना (Indian Navy) की जीत के जश्न के तौर पर नेवी डे (Navy Day) मनाया जाता है। भारतीय नौसेना दुनिया की शीर्ष दस नौसेना बलों में से एक है। विश्व में इसका 7वां स्थान है। भारतीय नौसेना के पास लगभग 67,000 कर्मचारी और लगभग 295 नौसेना संपत्तियां हैं। भारतीय नौसेना दक्षिण एशिया की सबसे शक्तिशाली नेवी मानी जाती है।
आधुनिक भारतीय नौसेना की नींव 17वीं शताब्दी में रखी गई थी। साल 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक समुद्री सेना (East India Company’s Marine) की स्थापना की। इसके बाद कई बार इसका नाम और स्वरूप बदला गया और फिर 1934 में रॉयल इंडियन नेवी अस्तित्व में आई। भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया। भारतीय नौसेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और मुख्य नौसेना अधिकारी-एडमिरल के नियंत्रण में होता है।
भारत की नौसेना देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने और साथ ही साथ बंदरगाह यात्राओं, संयुक्त अभ्यास, मानवीय मिशन, आपदा राहत आदि जैसे कई तरीकों से भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाती है। नौसेना विश्लेषकों की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में परमाणु-संचालित पनडुब्बी मिसाइलें (SSBNs) और एक परमाणु संचालित पनडुब्बी (SSN) INS चक्र के साथ 15 पारंपरिक पनडुब्बियां (SSKs), दो परमाणु संचालित पनडुब्बियां (SSBs) हैं।
नौसेना दिवस 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और वीरता के सम्मान में मनाया जाता है। ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था। इस ऑपरेशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है।
3 दिसंबर, 1971 को भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाक सेना के खिलाफ जंग छेड़ चुकी थी। कारण कि इस दिन पाकिस्तानी सेना ने भारत के हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला बोला था। इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी। पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया। 4 दिसंबर 1971 को यह अभियान पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेकर शुरू किया गया। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था।
इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे। इस दौरान पाकिस्तान के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे। नौसेना ने पाकिस्तान के कई जहाज और कराची तेल डिपो को नष्ट कर दिया था। कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज के तबाह हो जाने से पाकिस्तान नौसेना की कमर टूट गई थी। कराची के तेल टैंकरों में लगी आग की लपटों को 60 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था। इस भयंकर आग को सात दिनों तक नहीं बुझाया जा सका था।
इस ऑपरेशन में तीन भारतीय नौसेना पनडुब्बी मिसाइल – आईएनएस निरघाट, आईएनएस वीर और आईएनएस निपत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऑपरेशन ट्राईडेंट का प्लान नौसेना के प्रमुख एडमिरल एस. एम. नंदा के नेतृत्व में बनाया गया था। 25वें स्क्वॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव को इस टास्क की जिम्मेदारी दी गई थी। ये ऑपरेशन 90 मिनट तक चला था।
This post was last modified on December 4, 2019 10:53 AM
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