MP : हाइवे पर हादसों को रोकने की अनोखी तरकीब, अब जानवरों को पहनाया जा रहा है रेडियम बेल्ट

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चंबल ब्रिज से लेकर रायरू बायपास तक हाइवे पर घूमने वाले आवारा मवेशियों के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए एनएचएआई के निर्देश पर हाइवे की मेंटेनेंस कंपनी ने  जानवरों के गले में बांधे जाने वाले रेडियम बेल्ट तैयार करवाए हैं।

गौरतलब है कि इन घटनाओं को रोकने के लिए एनएचएआई से लेकर पुलिस ने नगर निकायों और पंचायतों को पत्र लिखे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार अब एनएचएआई के निर्देश पर हाइवे की मेंटेनेंस कंपनी ने दुर्घटनाओं का ग्राफ कम करने के लिए अब तक का सबसे अलग सावधानी पूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने जानवरों के गले में बांधे जाने वाले रेडियम बेल्ट तैयार करवाए हैं। इससे पहले जानवरों के सींग और पूंछ पर रेडियम टेप लगाए जाते रहे हैं, लेकिन यह उपाय कारगर साबित नहीं हुए थे।

बता दें कि नेशनल हाइवे क्रमांक 3 पर मुरैना से रायरू बायपास तक करीब 42 किमी लंबे हाइवे पर रोजाना 5 से 6 दुर्घटनाएं आवारा मवेशियों के रात के अंधेरे में अचानक वाहनों के सामने आ जाने से हुईं। बारिश के मौसम में यह ग्राफ और भी बढ़ जाता है। हाइवे की पेट्रोलिंग और रेस्क्यू टीम के आंकड़े बताते हैं कि बारिश के मौसम में हाइवे पर जानवरों के कारण होने वाली मासिक औसत घटनाओं का ग्राफ 40 से 45 तक पहुंच जाता है।

खबरों के अनुसार इस बार भी जुलाई के पहले हफ्ते में इस तरह की 15 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं में वाहनों से टकराने वाले सबसे ज्यादा मवेशी आवारा गौवंश हैं। दूसरे नंबर पर कुत्ते और तीसरे नंबर पर नीलगाय और गधे इन दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। यही वजह है कि एनएचएआई लगातार प्रशासन और स्थानीय निकायों को पत्र लिखकर जानवरों को पकड़ने के संबंध में पत्र लिखता आया हैं।

हाइवे की मेंटेनेंस कंपनी ने एनएचएआई के निर्देश पर पशुओं के गले में बांधा जाने वाला ये रेडियम टेप बेल्ट तैयार किया है। यह बेल्ट जानवर के गले से आसानी से अलग नहीं हो पाता। अब तक यह टेप 2 सौ जानवरों को बांधा जा चुका है। इस तरह के 1 हजार बेल्ट कंपनी ने तैयार करवाए हैं। आवश्यकता पड़ने पर और बेल्ट तैयार करवाए जाएंगे।

गौरतलब है कि बीते साल कंपनी ने पुलिस के साथ मिलकर सड़क पर घूमने वाले मवेशियों के सींग और पूछ पर रेडियम टेप लगाए थे, लेकिन यह तरीका कारगर साबित नहीं हुआ। क्योंकि जानवर कुछ ही घंटों में यह टेप अपने शरीर से अलग कर देते थे। लेकिन गले में बांधे जाना वाला प्लास्टिक रेडियम टेप बेल्ट जानवरों के गले से आसानी से नहीं निकलेगा। वहीं रात के समय वाहनों की हेड लाइट में यह टेप दूर से ही चमक जाएगा और वाहन चालक सावधान हो जाएंगे।

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