नई दिल्ली | केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को प्याज के की कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में पिछले दिनों आई बाढ़ के कारण प्याज की सप्लाई प्रभावित हुई है, लेकिन स्टॉक की कमी नहीं है।
पासवान ने कहा कि सरकारी एजेंसियों के स्टॉक में 35,000 टन प्याज पड़ा हुआ है और सरकार सस्ते दरों पर प्याज मुहैया करवाने की दिशाा में कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि बीते सीजन में सरकारी एजेंसियों ने 50,000 टन प्याज खरीद कर बफर स्टॉक बनाया था। आसमान छू रहे प्याज के दाम को लेकर हरकत में आई सरकार कीमतों को काबू करने की दिशा में सभी जरूरी कदम उठाने का संकेत दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने प्याज की जमाखोरों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो प्याज की स्टॉक लिमिट (भंडारण की सीमा) भी तय की जा सकती है।
उधर, नैफेड के स्टॉक से सरकार ने प्याज खुले बाजार में बेचने की गति तेज कर दी है। कृषि मंत्रालय जहां पासवान का दफ्तर है उसके सामने मंगलवार को कतारों में लगकर लोग प्याज खरीद रहे थे। उन्हें 24 रुपये प्रति किलो के भाव पर प्याज मुहैया करवाया जा रहा था।
कतारों में लगी एक महिला ने बताया कि कॉलोनियों के बाजारों में इस समय 60-70 रुपये किलो प्याज मिलता है, लेकिन यहां 24 रुपये प्रति किलो के भाव दो किलो का पैकेट मिल जाने उसे काफी राहत मिल रही है।
दिल्ली की आजादपुर मंडी स्थित एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) द्वारा उपलब्ध कीमत सूची के अनुसार, देश की राजधानी में मंगलवार को प्याज का भाव 22.50-42.50 रुपये प्रति किलो था।
एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार सोमवार को भी प्याज का भाव 22.50-42.50 रुपये प्रति किलोग्राम ही था
एपीएमसी के आंकड़ों के अनुसार आजादपुर मंडी में मंगलवार को प्याज की आवक 1,506.5 टन थी, जबकि एक दिन पहले आवक 1,370.9 टन दर्ज की गई। आवक बढ़ने से कीमतों में स्थिरता बनी रही।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह दिल्ली में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया था जब देश की राजधानी में प्याज का खुदरा भाव 70-75 रुपये प्रति किलो हो गया था।
देश के अन्य हिस्सों में भी प्याज के दाम आसमान छूने लगे थे।
मंडी के कारोबारियों के अनुसार, 2015 के बाद पहली बार देश में प्याज इतने महंगे भाव मिलने लगे थे।
वाणिकी फसलों के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, 2018-19 में प्याज का उत्पादन 343.85 लाख टन है जोकि पिछले वर्ष का उत्पादन 232.82 लाख टन से ज्यादा है। हैरानी की बात है कि देश में प्याज का उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद कीमतों में इजाफा हुआ है।
इससे पहले प्याज के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया ताकि निर्यात पर पाबंदी से देश के बाजारों में प्याज की सप्लाई में कमी नहीं आए। विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी के 13 सितंबर की अधिसूचना के अनुसार, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन (एफओबी) से कम भाव पर निर्यात की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक इस संबंध में अगला आदेश नहीं आता है।
दिल्ली: अब नहीं रुलाएगी प्याज, 24 रुपये किलो प्याज बेचेगी केजरीवाल सरकार
This post was last modified on September 24, 2019 6:16 PM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…