राजस्थान के कोटा में पिछले एक महीने के अंदर कई नवजात शिशुओं की मौत के बाद अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार सवालों के घेरे में है। पिछले दो दिन में 9 बच्चों की मौत के साथ कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। अस्पताल में एक के बाद एक मासूमों की लगातार मौत हो रही है और स्थिति भयावह हो गई है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, दिसंबर 2018 में इसी अस्पताल में 77 बच्चों की मौत हो गई थी। अस्पताल के सुपिरिंटेंडेंट डॉ. सुरेश दुलारा ने कहा कि 30 दिसंबर को 4 बच्चों और 31 दिसंबर को 5 बच्चों की मौत हो गई। उन्होंने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि सभी की मौत जन्म से कम वजन के चलते हुई है।
बता दें कि पिछले 7 दिन में यहाँ 22 बच्चों की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोटा के जेके लोन अस्पताल की ICU में 28 नेबूलाइजर में से 22 खराब हैं। नवजात बच्चों को जिस NICU में रखा जाता है, उस NICU में 15 से 7 वॉर्मर खराब हैं। बच्चों की मौत से जागी राजस्थान सरकार ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में सभी मेडिकल उपकरणों के फंक्शनल स्टेटस की जांच का आदेश दिया है।
अस्पताल के सुपिरिंटेंडेंट डॉ. दुलारा ने बताया, ‘2018 में इस अस्पताल में 1005 बच्चों की मौत हुई थी जबकि 2019 में 963 बच्चों की मौत हो गई।’ कोटा जिला कलेक्टर ओम कसेरा और अस्पताल सुपरिंटेंडेंट से मिले डेटा के अनुसार, 2014 से जेके लोन अस्पताल में शिशु मृत्यु दर हर साल कम हुई है। 2014 में 1,198 शिशुओं की मौत हुई थी, जो अस्पताल में भर्ती 15,719 बच्चों की संख्या का 8 फीसदी है। दिसंबर 2019 में अधिक संख्या में शिशुओं की मौत के विवाद के बाद अस्पताल ने चिकित्सा उपकरणों को अपग्रेड और मेंटेनेंस पर ध्यान देना शुरू किया है। मेडिकल एजुकेशन विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और कंट्रोलर को इस संदर्भ में पत्र लिखा है।
कोटा में बच्चों की मौत पर राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्षी दल बीजेपी ने राजस्थान सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोला है। बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा कि एक महीने में 100 बच्चों की मौत इतनी मामूली बात नहीं कि मीडिया आंखें मूंद ले। अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा, ‘एक महीने में 100 नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है, और राजस्थान के मुख्यमंत्री से कोई सवाल नहीं पूछे जाते। कोटा इतनी भी दूर नहीं कि सोनिया और राहुल गांधी वहां जा ना सकें और यह घटना इतनी भी मामूली नहीं कि मीडिया कांग्रेस सरकार की इस लापरवाही पर आंख मूंद ले।’
इसके अलावा बीएसपी चीफ मायावती ने भी गहलोत सरकार और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को यूपी की बजाय राजस्थान जाकर मृतक बच्चों के परिजनों से मिलना चाहिए था। ट्वीट कर मायावती ने कहा कि यदि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘माओं’ से नहीं मिलती हैं तो किसी भी मामले में यूपी के पीड़ित परिवारों से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी। राज्य की जनता को सर्तक रहना होगा।
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहां के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निंदनीय है।”
इधर बीजेपी की राजस्थान इकाई ने प्रदेश सरकार पर बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्था करने का आरोप लगाया है, वहीं दूसरी ओर पार्टी ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति ना करने की नसीहत भी दी है।
This post was last modified on January 2, 2020 12:30 PM
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