रोचक है रामलला विराजमान और उनके जन्मस्थान का मामला

Follow न्यूज्ड On  

 नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)| सामाजिक और धार्मिक संदर्भ में धामिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक मुद्दों वाले अयोध्या विवाद में भगवान रामलला विराजमान और उनका जन्मस्थान एक पक्षकार है। इस मामले पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

  हिंदू कानून के अनुसार, एक भगवान को नाबालिग माना जाता है और कानून के अंतर्गत वे एक न्यायिक व्यक्ति हैं। भगवान कानून के कोर्ट में अभियोग भी चला सकते हैं। रामलला विराजमान एक भगवान हैं और उनका जन्मस्थान सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं है, जहां उनका जन्म हुआ है।

कानून के अनुसार, भगवान को वैध व्यक्ति माना गया है, जिसके अधिकार और कर्तव्य हैं। भगवान किसी संपत्ति के मालिक हो सकते हैं और उसे व्यवस्थित कर सकते हैं, उपहार प्राप्त कर सकते हैं, और वे किसी पर मुकदमा दर्ज कर सकते हैं और उनके नाम पर भी कोई व्यक्ति मुकदमा दर्ज कर सकता है। हिंदू कानून में देवताओं की मूर्तियों को वैध व्यक्ति माना गया है।

संवैधानिक पीठ में पांच न्यायाधीश- मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता के. पारासरन (93) सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान का पक्ष रख रहे हैं।

पूर्व में सुनवाई के दौरान तीन न्यायाधीशों ने हिंदू मतों और कानून से उसके संबंध के विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की थी। इसके सबसे महत्वपूर्ण पहलू पर शुक्रवार को बहस हुई।

न्यायमूर्ति भूषण ने पारासरन से पूछा कि मामले का एक पक्षकार जन्मस्थान है तो एक स्थान को कानून के अनुसार एक व्यक्ति के तौर पर पेश करना कैसे संभव है, और मूर्तियों के अलावा और क्या हैं, वे विधि अधिकारों की श्रेणी में कैसे आ गईं?

पारासरन ने ऋगवेद का हवाला दिया, जिसमें सूर्य को भगवान माना गया है, यद्यपि उनकी कोई मूर्ति नहीं है, और एक भगवान के तौर पर वे कानून के दायरे में आने वाले व्यक्ति हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ अधिवक्ता से पूछा कि क्या किसी ऐसे व्यक्ति को कानून के दायरे में लाया जा सकता है, जिसकी पूजा की जाती है।

कोर्ट में भगवानों और उनके ईश्वरीय गुणों पर बहस है, जैसे पूजा का स्रोत भक्ति के लिए केंद्रीय स्रोत हो सकता है। और एक न्यायाधीश ने सवाल किया, इस आधार पर किसी के जन्मस्थान से जुड़ा कोई स्थान कानून के अंतर्गत आने वाला व्यक्ति हो सकता है?

पारासरन यह साबित करने के लिए बहस कर रहे थे कि भगवान और जन्मस्थान कानून के दायरे में आते हैं, तो एक व्यक्ति के तौर पर वे संपत्ति के मालिक बन सकते हैं और हिंदू कानून के अंतर्गत मामला दर्ज कर सकते हैं। इस पर न्यायाधीशों ने यह भी पूछा कि क्या भगवान राम का कोई वंशज अभी भी अयोध्या में है?

पारासरन ने तर्क दिया कि हिंदुओं में कोई मूर्ति अनिवार्य नहीं है, क्योंकि हिंदू भगवान का हमेशा किसी नियत रूप में पूजा नहीं की जाती, बल्कि कुछ लोग निराकार ईश्वर में विश्वास करते हैं। उन्होंने केदारनाथ मंदिर का उदाहरण दिया, जहां किसी भी भगवान की कोई मूर्ति नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि इसलिए मूर्ति एक मंदिर को परिभाषित करने के लिए अनिवार्य नहीं है, वहीं मंदिर एक वैध संपत्ति है।

उन्होंने कहा कि हिंदू, भगवान राम की पूजा अनादिकाल से कर रहे हैं, यहां तक कि मूर्तियां स्थापित करने और उनके ऊपर मंदिर बनने से पहले से। उन्होंने कहा कि विश्वास ही सबूत है, इसलिए जन्मस्थान को एक व्यक्ति के तौर पर कानून के अंतर्गत लाया जा सकता है।

अयोध्या मामले में भगवान के जन्मस्थान को सह-याचिकाकर्ता माना गया है, और दोनों ने साथ में विवादित स्थल के 2.77 एकड़ पर अपना दावा किया है, जहां दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाया गया था।

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022