नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)| उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी 2020 को भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी माने जाने वाले दोनों मोस्ट वांटेड ने पुलिस की मिली-भगत से ही सही ‘सरेंडर’ कर दिया है?
मंगलवार को यूपी के शामली इलाके से शाहरुख पठान की कथित गिरफ्तारी और गुरुवार को दिल्ली की राउज एवन्यू अदालत में ताहिर हुसैन के सरेंडर से यह सवाल आमजन के दिल-ओ-जेहन में कौंध रहे हैं।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एक अधिकारी ने गुरुवार को नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, “हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस तीसरी वाहनी के हवलदार दीपक दहिया के ऊपर बेखौफ होकर लोडिड पिस्तौल तान देने वाले शाहरुख पठान की जिस जोर-शोर से तलाश थी, उसकी गिरफ्तारी के बाद अधिकांश अफसरों का जोश (दिल्ली पुलिस महकमे में) तकरीबन गायब सा होकर रह गया। जितनी आसानी से शाहरुख दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के हाथ आ गया? वो तमाम हालात भी काफी कुछ बयान कर रहे हैं। अगर शाहरुख वाकई पुलिस को छका रहा था तो फिर, दिल्ली पुलिस ने उस पर फरारी वाले दिन ही उसकी गिरफ्तारी पर इनाम की घोषणा क्यों नहीं कर दी? जैसा कि अमूमन इस तरह की गिरफ्तारियों में दिल्ली पुलिस किया करती है।”
दिल्ली पुलिस के ही एसीपी स्तर के एक अन्य पुलिस अफसर की मुंहजुबानी, “शाहरुख पठान को पुलिस ने पकड़ा नहीं बल्कि एनकाउंटर के डर के चलते वो कई दिनों तक इधर-उधर भागता फिरता रहा। उसका परिवार भी घर में ताला लगाकर भाग गया। जितने दिन शाहरुख नहीं मिला, उतने दिन तक परिवार वाले उसे (शाहरुख पठान) खुद ही सही-सलामत दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के सामने पेश करने के रास्ते/ जुगाड़ खोजते रहे। जैसे ही यह पुख्ता हो गया कि अब शाहरुख खान पुलिस मुठभेड़ में मारा नहीं जायेगा! वो दिल्ली पुलिस के पास खुद ही चलकर पहुंच गया।”
इस अफसर ने भी इसकी पुष्टि की कि, अगर शाहरुख पठान तक पहुंचने में दिल्ली पुलिस को मशक्कत करनी पड़ती, तो शायद उसकी गिरफ्तारी पर कम से कम एक लाख रुपये की इनामी राशि की घोषणा दिल्ली पुलिस मुख्यालय शुरुआती दौर में ही कर चुका होता। इसका मतलब साफ है कि, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से शाहरुख या उसका परिवार अथवा उसके अन्य संपर्क सूत्र किसी न किसी तरीके से लगातार दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के संपर्क में रहे होंगे!
शाहरुख की संदिग्ध गिरफ्तारी को लेकर सवालों का सिलसिला अभी बंद नहीं हुआ। तब तक गुरुवार को हिंसा में मोस्ट-वांटेड और चार-चार एफआईआर का बोझ सिर पर कई दिनों से ढोता फिर रहा आम आदमी पार्टी निगम पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट में ‘सरेंडर’ कर दिया। ताहिर हुसैन के सरेंडर के बाद फिर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (वो एसआईटी टीम जो इन दंगों में हुई हत्याओं की जांच कर रही हैं) टीमों की ओर फिर उंगलियां उठने लगीं। उंगली उठने की वजह थी कि ताहिर दिल्ली की अदालत में आखिर कैसे सरेंडर करने पहुंच गया? और दिल्ली पुलिस अपराध शाखा को भनक तक नहीं लगी।
ताहिर और शाहरुख दोनों के ही इतनी आसानी से पुलिस और अदालत की देहरी पर पहुंच जाने से किसी के भी जेहन में तमाम सवाल कौंधना लाजिमी है। यह अलग बात है कि दिल्ली पुलिस इन सवालों के जबाब देने से साफ-साफ कन्नी काट रही है। गुरुवार को आईएएनएस ने इन दोनो ही मुद्दों पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एडिश्नल कमिश्नर डॉ. अजित कुमार सिंगला से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका कोई जबाब नहीं आया।
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