श्रीलंकाई शांति सेना के कमांडर की माली से वापसी के आदेश

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संयुक्त राष्ट्र, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| माली में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में श्रीलंकाई टुकड़ी के कमांडर को स्वदेश वापसी का आदेश दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक के अनुसार, उनके मानवाधिकार रिकॉर्ड की समीक्षा के बाद इस बाबत फैसला लिया गया है।

दुजारिक ने शुक्रवार को बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल कलाना प्रियंकारा लंकामिथरा अमुनुपुरे के बारे में संयुक्त राष्ट्र को नई जानकारी मिलने के बाद उनको वापस भेजने का फैसला किया गया।

उन्होंने कहा, “आमतौर पर शांति सेना के सभी सदस्यों की जांच की जाती है, लेकिन श्रीलंकाई सैन्यदल के साथ कुछ अतिरिक्त प्रक्रिया अपनाई गई।”

कथित तौर पर अमुनुपुरे श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान तमिलों पर हुए अत्याचार में संलिप्त थे। गृहयुद्ध के दौरान बताया जाता है कि हजारों नागरिकों पर कहर ढाए गए और संयुक्त राष्ट्र ने उसे युद्ध अपराध बताया था।

मानवाधिकार समूह, इंटरनेशनल ट्रथ एंड जस्टिस प्रोजेक्ट (आईटीजेपी) ने अप्रैल में लंदन से जारी एक बयान में कहा था कि उसने संयुक्त राष्ट्र को अर्धसैनिक विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के 56 कर्मियों की सूची भेजी थी और बताया था कि उनके मानवाधिकार रिकॉर्ड के कारण उन्हें शांति सेना के तौर पर सेवा से वंचित किया जाना चाहिए।

आईटीजेपी ने कहा कि वे या तो कथित तौर पर अपराधी है या युद्ध के अंतिम दौर में अग्रिम मोर्चे में शामिल थे, जिसके संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा सुनियोजित तरीके से अपराध किए गए।

आईटीजेपी ने सूची में शामिल नामों को गुप्त रखा। आईटीजेपी के कार्यकारी निदेशक यास्मिन सूका ने उसी समय कहा था, “एक एसटीएफ अधिकारी ने 2006-07 में श्रीलंका के पूर्वी इलाके में अवैध तरीके से तमिलों की हत्या करने का आदेश दिया था। उन्होंने उस समय उस अधिकारी के बारे में बताया था कि वह अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान दल में शामिल है।”

सूका ने कहा कि उनके संगठन के पास मानवाधिकार हनन के पर्याप्त सबूत हैं और वह संयुक्त राष्ट्र की जांच में मदद करने को तैयार हैं।

आईटीजेपी ने विशेष कार्यबल द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन और न्यायेतर हत्या के संबंध में अप्रैल में एक रिपोर्ट जारी की थी, जोकि मुख्य रूप से सैन्य दल में विगत में कार्य कर चुके सिंहलियों और उनके साथ काम करने वाले पूर्व तमिल अर्धसैनिक बलों की गवाही पर आधारित है।

श्रीलंका की शांतिसेना में शामिल 682 सैनिकों में से 200 को पश्चिम अफ्रीकी देशों में तैनात किया गया है, जिसे माली में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी एकीकृत स्थायीकरण अभियान कहा जाता है।

This post was last modified on October 20, 2018 1:25 PM

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