भोपाल/रायपुर, 19 दिसंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है।
वामदलों के आह्वान पर दोनों राज्यों के अधिकांश हिस्सों में गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, मगर खंडवा जिले में सड़क पर उतरे मुस्लिम समाज के लोगांे ने पुलिस जवानों पर पथराव कर दिया। विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कई स्थानों पर निषेधाज्ञा लागू की गई है और सुरक्षा बलों की तैनाती रही।
दोनों राज्यों में वामदलों ने गुरुवार को विरोध दिवस मनाने का ऐलान किया था। वामदलों ने सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपे। मध्यप्रदेश की राजधानी सहित अधिकांश जिलों में आंदोलन और प्रदर्शन पर रोक लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। इसके चलते कई स्थानों पर प्रदर्शन नहीं हो पाए।
अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और माकपा के राज्य मंडल सदस्य बादल सरोज ने बताया, “मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विरोध दिवस मनाया गया। दोनों राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए। मध्यप्रदेश में कई जगह निषेधाज्ञा लागू कर कमल नाथ सरकार ने अपनी निष्ठा को संदिग्ध कर लिया है। इसके बावजूद इस आंदोलन को दोनों राज्यों में बड़ी संख्या में लागों का साथ मिला।”
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (गुप्तवार्ता) डॉ. एस. डब्ल्यू. नकवी ने पुलिस अधिकारियों सीएए और एनसीआर को लेकर होने वाले आंदोलन के दौरान खास सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए थे। इसके चलते भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, दमोह, सिवनी व अशोकनगर इत्यादि जिलों में विशेष ऐहतियात बरतते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों को जरूरत के मुताबिक पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराया गया। साथ ही रिजर्व में भी पुलिस बल मुस्तैद रखा गया है, जिसे मांग के अनुसार संबंधित जिले को तत्काल मुहैया कराया जा सके।
खंडवा में एसीसी व एनआरसी के विरोध में मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतरे, मगर निषेधाज्ञा लागू होने के कारण जुलूस निकालने से रोका गया तो विवाद की स्थिति बनी। नगर पुलिस अधीक्षक ललित गठरे ने आईएएनएस को बताया कि कुछ उत्पाती लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, मगर कोई हताहत नहीं हुआ।
वहीं माकपा की छत्तसीगढ़ इकाई के सचिव संजय पराते ने बताया, “राज्य में एसीसी और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन किया गया। पुलिस और प्रशासन ने कई स्थानों पर रोकने की कोशिश की, मगर आंदोलनकारियों ने सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया।”
छत्तीसगढ़ के पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में नगरीय चुनाव की आचार संहिता लागू होने और मतदान 21 दिसंबर को होने के कारण सुरक्षा के इंतजाम किए गए। इसके चलते प्रदर्शनकारियों को आंदोलन व प्रदर्शन करने से रोका गया। सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है।
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