Super Pink Moon: आज रात दिखाई देगा साल का सबसे बड़ा सुपरमून, जानें इसे पिंक मून क्यों कहा जा रहा है

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Super Pink Moon: लॉकडाउन के बीच आज आकाश में सुपरमून जैसी अद्भुत खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। सुपरमून का आकार सामान्य से बड़ा और चमकीला होगा। इस दिन हम सबके प्यारे चंदा मामा पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक होंगे। इसलिए आज रात आसमान में साल का सबसे बड़ा चांद दिखाई देगा। खास बात यह है कि इस पिंक मून (Pink Moon) के दीदार के लिए आपको कहीं जाने की जरूरत है। इसे आप अपने घर से ही देख पाएंगे।

क्या होता है सुपरमून?

जब चांद और धरती के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है और चंद्रमा की चमक बढ़ जाती है, उस परिस्थिति में चांद को सुपरमून (Supermoon) कहा जाता है। इस दौराना चांद रोज़ाना की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा बड़ा और 30 फीसद तक ज्यादा चमकीला दिखाई देता है।

क्‍या है पिंक सुपरमून?

पिंक सुपरमून सिर्फ एक नाम है, जिसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह नहीं है। दरअसल, अमेरिका और कनाडा में इस मौसम में उगने वाले एक फूल की वजह से इसे पिंक सुपरमून कहा जाता है। इस फूल का नाम है- फ्लॉक्स सुबुलाता (Phlox Subulata)। इसे मॉस पिंक भी कहते हैं। इसके नाम पर ही इस सीजन में दिखने वाले सुपरमून को पिंक सुपरमून कहा गया है। इसका मतलब ये नहीं है कि चांद गुलाबी रंग का दिखेगा।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, रात 11:38 बजे चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होगा। इस समय पर चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 356900 किलोमीटर रह जाएगी। चांद की यह स्थिति पेरिगी की स्थिति कहलाती है। बता दें कि सामान्यतया पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी 384400 किमी मानी जाती है। वहीं चन्द्रमा की पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी होने पर ये दूरी लगभग 405696 किमी मानी जाती है जिसे अपयोगी की स्थिति कहते हैं। चंद्रमा की पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा पड़ जाए तो हमें सुपरमून दिखाई देता है। एक साल में न्यूनतम 12 पूर्णिमा पड़ती है लेकिन ऐसा कम होता है कि पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा भी पड़े।

वर्ष 2020 का सबसे बड़ा व चमकीला होगा चंद्रमा

यह सुपरमून 7 अप्रैल को भारतीय समयानुसार रात 8 बजकर 5 मिनट से दिखना शुरू हो जाएगा। यह इस वर्ष का सबसे बड़ा और चमकीला चंद्रमा होगा। ये सामान्य से 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकदार नजर आएगा। सूर्यास्त के तुरंत बाद लोग पूरी रात इसके नजारे देख सकेंगे।

भारत में कैसे देखें सुपरमून

ग्रहण को छोड़कर सुपर मून पूर्णिमा के दिन दिखने वाले सामान्‍य चांद की तरह ही होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि जब चांद धरती के ज्‍यादा करीब आता है तो वह बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। ऐसे में इस सुपरमून के दीदार के लिए आपको किसी खास तरह के लेंस या अन्‍य उपकरणों की जरूरत नहीं है। इस चांद को आप अपने घर की बाल्‍कनी या छत से आसानी से देख सकते हैं।


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This post was last modified on April 7, 2020 3:59 PM

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