दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री…ऐसा रहा सुषमा स्वराज का सियासी सफर

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बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का 67 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। मंगलवार रात को उन्हें सीने में दर्द की तकलीफ के बाद दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां पांच डॉक्टरों की टीम उनके इलाज के लिए लगाई गई थी। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। सुषमा स्वराज की ख्याति एक प्रखर और ओजस्वी वक्ता, प्रभावी सांसद और कुशल प्रशासक की रही। आइये जानते हैं कैसा रहा सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का सियासी सफर:

सुषमा स्वराज के निधन पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति कोविंद समेत कई नेताओं ने जताया शोक

25 साल की उम्र में राजनीति में आईं

14 फरवरी 1952 को जन्मीं सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) महज 25 साल की उम्र में ही राजनीति में आईं थीं। उन्होंने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा। वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनी थीं। उन्हें हरियाणा की तत्कालीन देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया।

वाजपेयी सरकार में मंत्री बनीं

बीजेपी के लौह पुरुष कहे जाने वाले नेता लाल कृष्ण आडवाणी को सुषमा अपना राजनीतिक गुरु मानती थीं। नब्बे के दशक में अटल और आडवाणी की छत्रछाया में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में आईं और छा गईं। 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा (Sushma Swaraj) दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं। इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया।

दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj)

मार्च 1998 में केंद्र में दूसरी बार अटलजी की सरकार में सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) एक बार फिर से आईबी मिनिस्टर बनीं। हालांकि, कुछ महीने बाद ही उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में वापस लौट आईं। 1999 में उन्होंने कर्नाटक की बेल्लारी लोकसभा सीट से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार झेलनी पड़ी थी।

देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री रहीं

सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) 2009 और 2014 में मध्य प्रदेश के विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं। 2014 से 2019 तक पिछली मोदी सरकार में वह विदेश मंत्री रहीं। इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज को देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ। बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहीं और दुनियाभर में बसे भारतीयों को उन्होंने ट्विटर पर मदद मुहैया कराई। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। भाजपा की भारी जीत के बाद माना जा रहा था कि वे दोबारा विदेश मंत्री बनेंगी, लेकिन उन्होंने खराब सेहत के चलते मंत्री पद नहीं लिया।


पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज का निधन

This post was last modified on August 7, 2019 1:28 AM

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