Teachers’ Day: क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़ा है यह खास दिन

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Teachers’ Day 2019: भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) मनाया जाता है। इसे शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान के तौर पर मनाया जाता है। छात्र शिक्षकों को उपहार देते हैं। स्कूलों में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को  मनाया जाता है वहीं, अंतर्राष्ट्रीय टीचर्स डे (International Teachers Day) का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। इसके अलावा कई देशों में अलग-अलग दिन भी शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती 5 सितंबर को होती है। उन्हीं की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। एक बार उनके कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने उनसे कहा कि, वह उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करना चाहते हैं। तब उन्होंने कहा था, “मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाए अगर मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा।” सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे।

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डॉ. राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुतनी ग्राम में हुआ था। इनके पिता सर्वपल्ली वीरास्वामी राजस्व विभाग में काम करते थे। इनकी मां का नाम सीतम्मा था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा लूनर्थ मिशनरी स्कूल, तिरुपति और वेल्लूर में हुई। इसके बाद उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ाई की। 1903 में युवती सिवाकामू के साथ उनका विवाह हुआ।

20 वीं सदी के भारत के सबसे प्रतिष्ठित विद्वानों में से एक

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) 20 वीं सदी के भारत के सबसे प्रतिष्ठित विद्वानों में से एक थे। उनकी पुस्तक ‘द फिलॉसफी ऑफ़ रवींद्रनाथ टैगोर (The Philosophy of Rabindranath Tagore) ने भारतीय दर्शन पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया था। डॉ. राधाकृष्णन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, शिकागो विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, मैसूर विश्वविद्यालय और मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज सहित कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में पढ़ाया था।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मिले पुरस्कार

–  डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। साहित्य में नोबेल के लिए 16 बार और शांति में नोबेल के लिए 11 बार।

–  1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

–  उन्हें 1931 में नाइटहुड और 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता से सम्मानित किया गया।


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This post was last modified on September 5, 2019 10:38 AM

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