उम्र सिर्फ एक नंबर है, यही साबित करना चाहती हूं : सुनीता (आईएएनएस साक्षात्कार)

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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)| पिछले 10 वर्षो में 75 से अधिक मैराथन में दौड़ चुकी 73 साल की बेंगलुरू निवासी सुनीता प्रसन्ना का कहना है कि उनके लिए उम्र, सिर्फ एक नंबर पर है और वह यही साबित करने के लिए दौड़ती हैं।

सुनीता 24 फरवरी को होने वाले आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस नई दिल्ली मैराथन-2019 में हिस्सा लेंगी। वह इस मैराथन में भाग लेने वाली सबसे उम्रदराज महिला धाविका होंगी। वह दूसरी बार आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस नई दिल्ली मैराथन में दौड़ने जा रही हैं।

सुनीता रविवार को होने वाले इस मैराथन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने ने आईएएनएस से फोन पर कहा, “मैं एक तेजतर्रार धावक तो नहीं हूं लेकिन मैं अपनी ताकत में विश्वास रखती हूं। मैं जो भी कुछ शुरू करती हूं, उसे हमेशा पूरा करती हूं। यह मेरा ²ढ़ संकल्प है और मुझे इस पर गर्व है।”

सुनीता बेंगलुरू स्थित एक आईटी कंपनी में एचआर के पद पर काम कर चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि जीवन के इस उम्र में आकर स्वास्थ रहना ही उनके लिए सबसे बड़ी खुशी है और वह स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा पूंजी मानती हैं।

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि स्वास्थ्य ही असली धन है। स्वास्थ्य और फिटनेस, आपके जीवन में बेहद खुशियां लाती हैं, खासकर बुजुर्ग महिलाओं में। मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दौड़ने और फिट रहने से भी जीवन में बहुत बीमारियों से बचा जा सकता है।”

उन्होंने 63 साल की उम्र में मैराथन में दौड़ना शुरू किया था और पिछले 10 वर्षो में ही वह 75 से अधिक मैराथनों में दौड़ चुकी हैं। वह इससे पहले नई दिल्ली हाफ मैराथन और मुंबई मैराथनों में दौड़ी थीं।

सुनीता ने आगे कहा, “मैं केवल इस चीज को साबित करने के लिए दौड़ती हूं कि उम्र केवल एक नंबर है और अगर इरादे मजबूत हो तो आप उन सभी उपलब्धियों को हासिल कर सकती हैं जो आप चाहती हैं।”

उन्होंने अपने पिछले 10 साल के अनुभव को साझा करते हुए कहा, “जब से मैंने दौड़ना शुरू किया है तब से मैंने इसका पूरा आनंद लिया है। जैसा कि पहले ही कह चुकी हूं कि मैं केवल खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए दौड़ती हूं और ऐसा करना मैं पसंद करती हूं। जब मैंने पहली बार दौड़ना शुरू किया था तो मुझे एहसास हो गया था कि मैं कुछ हासिल करने में सक्षम हूं, इसलिए मैंने 63 साल की उम्र में भी दौड़ना शुरू कर दिया था।”

सुनीता ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, “आप कभी भी दौड़ सकते हैं क्योंकि मेरा मानना है कि दौड़ने के लिए आपको किसी अस्त्र-शस्त्र की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके लिए आपको केवल शरीर और दिमाग लगाना पड़ता है।”

उन्होंने 24 फरवरी को होने वाले आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस नई दिल्ली मैराथन-2019 की तैयारियों को लेकर कहा, “मैं इस रेस को लेकर उत्साहित हूं। मैंने इसके लिए पर्याप्त तैयारी की है। देखते हैं रविवार को मेरे लिए कैसा दिन रहता है।”

 

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