कंपनियों में काम करने के लिए कामगारों की किल्लत, हवाई टिकट और मोटी सैलरी देकर बुलाए जा रहे बिहारी श्रमिक

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लॉकडाउन के दौरान जहां दूसरे राज्यों से बिहार वापस लौटने वाले श्रमिकों की भीड़ लगी थी। ट्रेन और बसों से भर-भर कर इन्हें प्रदेश के अलग अलग जिलों में पहुंचाया जा रहा था। वहीं अनलॉक वन (Unlock 1) की शुरुआत के साथ ही अब बिहार से अपने कार्यस्थलों को वापस लौटते भी श्रमिक दिखने लगे हैं। आलम ये है कि बाहर की कंपनियां हवाई टिकट और मोटी सैलरी देकर बिहारी श्रमिकों को अपने यहां वापस बुला रही हैं।

प्रभात खबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पटना एयरपोर्ट पर अब बेंगलुरु और हैदराबाद जाने वाली फ्लाइटों से समूह में मजदूर वापस कामकाज पर जाते दिखने लगे हैं। बेंगलुरू, पुणे और हैदराबाद की कई कंपनियां अब अपने ठप पड़े काम को दोबारा शुरू करने के लिए हवाई टिकट देकर अपने श्रमिकों को दोबारा बुला रही हैं। कामगारों की सहायता के लिए कंपनियों के एजेंट भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहते हैं और इन्हें अपने साथ लेकर ही कार्यस्थलों तक जाते हैं।

वहीं, पंजाब-हरियाणा के फैक्ट्री संचालकों के एजेंट भी राज्य में एकबार फिर से सक्रिय हो गए हैं। मजदूरों को पहले से अधिक पारिश्रमिक तथा सुविधाओं का प्रलोभन देकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली भेजा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पिछले दस दिनों से रात के अंधेरे में रोजाना मजदूरों को बाहर ले जाने के लिए बसें खुल रहीं हैं।

समूह में वापस जा रहे श्रमिक

श्रमिकों का कहना है कि वे सेमीस्किल्ड हैं। उन्होंने किसी तरह की तकनीकी डिग्री तो नहीं ली है, लेकिन लंबे समय तक काम करने के कारण मशीनों को चलाने में कुशल हो चुके हैं। इनमें से कुछ बेंगलुरु की प्लास्टिक फैक्टरी में काम करते थे जबकि कुछ हैदराबाद के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इंड्रस्टीज में। पुणे के कपड़ा उद्योग में भी कुछ लोग काम कर रहे थे जो मुंबई वाली फ्लाइट से जा रहे थे।

लॉकडाउन के वेतन के साथ एडवांस भी दे रही कंपनियां

कई श्रमिकों ने बताया कि वापस बुलाने के लिए कंपनियों ने लॉकडाउन वाले समय का पगार देने के साथ-साथ उन्हें दो से तीन महीने का एडवांस वेतन लेने का भी ऑफर कर रहे हैं। यही वजह है कि वे जल्द से जल्द ड्यूटी ज्वाइन कर लेना चाहते हैं और जोखिम उठाकर भी काम पर वापस जा रहे हैं।

राज्य में रोजगार की हो रही व्यवस्था: सीएम

गौरतलब है कि बिहार सरकार भी दूसरे राज्यों से वापस लौटे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने का दावा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच जिलों में पार्टी के सक्रिय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि राज्य में रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। प्रवासी मजदूरों का स्किल मैपिंग हो रही है। इसके अलावा नये उद्योगों को आकर्षित करने के लिए एक नयी औद्योगिक नीति बनायी जा रही है।


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