नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए विधायक 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव को लड़ सकते हैं। कोर्ट ने हालांकि उनकी अयोग्यता बरकरार रखी। साथ ही न्यायमूर्ति एन.वी. रमण की अगुवाई वाली पीठ ने फैसला दिया कि विधानसभा अध्यक्ष को सदन का कार्यकाल समाप्त होने तक विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि इस्तीफे की वैधता पर टिप्पणी करने से परहेज किया है। शीर्ष अदालत ने संवैधानिक नैतिकता पर जोर देते हुए कहा कि अध्यक्ष केवल इस्तीफे की यह जांच कर सकते हैं कि स्वेच्छा से दिया गया है या अन्यथा कारणों से।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अयोग्यता तब होती है जब दलबदल होता है।
दलबदल इस्तीफे से पहले हुआ था, इसलिए, अयोग्यता का सिद्धांत समाप्त नहीं होता है और सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराने के स्पीकर के फैसले को बरकरार रखा।
This post was last modified on November 13, 2019 4:30 PM
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