उप्र : अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर नागा साधु, संतों का कूच

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लखनऊ, 4 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर अब साधु, संतों ने हलचल तेज कर दी है। इस बीच, अखाड़ा परिषद के नागा साधु बड़ी संख्या में आज अयोध्या कूच कर रहे हैं। इसे लेकर प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारी कर रखी है।

धर्मसभा के बाद साधु, संत विभिन्न आयोजनों के माध्यम से इस मुद्दे को गर्म रखना चाह रहे हैं।

विवादित ढांचा विध्वंस की तिथि छह दिसंबर नजदीक आने की वजह से रामनगरी में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। साथ ही छह दिसंबर को ही तपस्वी छावनी के महंत परमहंसदास ने आत्मदाह करने की घोषणा कर रखी है। ऐसे में प्रशासन के सामने सारे आयोजनों को सफल बनाने की बड़ी चुनौती भी है।

हालांकि, अयोध्या की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क होने का दावा जरूर कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि शांति व्यवस्था कायम रहे इसके लिए हर संभव प्रयास करने को प्रतिबद्ध हैं। माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा।

प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की आपातकालीन बैठक हुई थी, जिसमें यह फैसला लिया गया। बैठक में कहा गया कि संतों को अब सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं रह गया है। संतों के अयोध्या कूच का कार्यक्रम राम मंदिर निर्माण के लिए है। संत वहां पहुंचकर रामलला स्थल के बाहर इकट्ठे होंगे और सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने या अध्यादेश लाने का दबाव बनाएंगे।

चार व पांच दिसंबर को नागा साधुओं के अयोध्या कूच के ऐलान के बाद हलचल बढ़ गई है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अखाड़ा परिषद के कूच के आयोजन पर अपनी किसी सहमति से इनकार करते हुए कहा कि संतों ने पहले ही विराट धर्मसभा में राममंदिर के लिए धमार्देश लाने का फैसला किया है।

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अवध प्रांत मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा, “विहिप संतों के मार्गदर्शन में काम करती है। अब कूच का क्या मतलब जब धर्मसभा में संतों ने राममंदिर के लिए धर्मादेश कर ही दिया है। राम के प्रति सभी की अपनी अलग-अलग श्रद्धा है। नागा साधु भी अपनी अभिव्यक्ति लेकर आ रहे होंगे। उन्होंने बताया कि नौ दिसंबर को दिल्ली में विराट धर्मसभा फिर होनी जा रही है, जो राममंदिर के लिए जनजागरण करेगी।”

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या का मामला जब कोर्ट में है तो बार-बार भीड़ जुटाने का क्या फायदा। जो निर्णय हो वही सबको मानना चाहिए।

This post was last modified on December 4, 2018 8:47 AM

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