संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा की परीक्षा (Civil Services Exam) में आने वाले समय में काफी बदलाव होने की उम्मीद है। यूपीएससी जल्द ही ऐसे उम्मीदवारों पर कार्रवाई कर सकता है, जो फॉर्म भर कर परीक्षा नहीं देते हैं।
दरअसल, यूपीएससी ने कर्मिक एवं प्रशिक्षण को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कहा गया है कि फॉर्म भर कर परीक्षा नहीं देने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यूपीएससी ने प्रस्तावित किया है कि, जो विद्यार्थी सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा के लिए फॉर्म भरकर परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं, उनके प्रयास (Number of Attempts) में कटौती कर दी जाए।
इससे पहले भी यूपीएससी ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि अगर किसी छात्र ने यूपीएससी का फार्म भर दिया तो उसे एक प्रयास माना जाए।
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यूपीएससी के अनुसार, फॉर्म भरने वाले आधे उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं। अगर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तो ऐसे उम्मीदवार अनावश्यक परीक्षा नहीं देंगे। क्योंकि परीक्षा आयोजित करने में संसाधन लगते हैं, इसलिए इस कदम से संसाधनों की बचत होगी। बता दें कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम 6 अटेम्पट हैं, वहीं अन्य रिजर्व्ड कैटगरी को इसमें छूट मिलती है।
आयोग ने सिविल सर्विस की परीक्षा में एप्टीट्यूट टेस्ट (C- TET) को खत्म करने का भी प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में आयोग ने सी-सैट के पेपर को समय की बर्बादी बताया। रीजनिंग और अंग्रेजी के प्रश्न होने के कारण लाखों विद्यार्थियों का कहना है कि यह पेपर सिर्फ कान्वेंट और इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को फायदा पहुंचाता है।
This post was last modified on July 11, 2019 3:45 PM
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