लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर नगर निगम की ओर से भैसाकुंड में तीन मैकेनाइज्ड ग्रीन क्रिमेशन सिस्टम (Mechanized Green Creation System) स्थापित किए जाएंगे। इससे वहां पर लकड़ियों की खपत कम होगी और प्रदूषण भी कम होगा। नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने भैसाकुंड का निरीक्षण कर यह निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि ग्रीन क्रिमेशन सिस्टम लगने के बाद शवदाह में एक घंटे का समय लगेगा और मात्र 80 किलो लकड़ी का उपयोग होगा।
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि ओपेन क्रिमेशन की तुलना में मेकेनाइज्ड ग्रीन क्रिमेशन सिस्टम में 50 प्रतिशत कम प्रदूषण होता है। इसके अलावा शवदाह की समयावधि भी लगभग एक घंटे की हो जाएगी। ओपेन क्रिमेशन में लगभग 4 घंटे का समय लगता है। मेकेनाइज्ड ग्रीन क्रिमेशन सिस्टम को एक पारम्परिक प्रणाली के हिसाब से विकसित किया गया है। इसमें कपाल क्रिया एवं पंच समिधा के लिए भी प्रावधान किया गया है जो की हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण रीति है।
नगर आयुक्त ने भैसाकुंड के साथ-साथ चौक स्थित गुलाला घाट शवदाह गृह का भी निरीक्षण किया। नगर आयुक्त ने बताया कि यहां पर भी मैकेनाइज्ड ग्रीन क्रिमेशन सिस्टम को लगाने का कार्य आरम्भ हो चुका है। इसके अलावा गुलाला घाट पर एक इलेक्ट्रिक शवदाह मशीन भी लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें शवदाह के बाद भस्म को ट्रे में विसर्जन के लिए आसानी से इकट्ठा भी किया जा सकता है। नगर आयुक्त ने बताया कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए भी नगर निगम पूरे शहर में सैनीटाइजेशन का काम करा रहा है, ताकि संक्रमण की रफ्तार को रोका जा सके।
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